
केंद्रीय जांच एजेंसियों ने दिल्ली से रांची तक फैले पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ के नेटवर्क का भंडाफोड़ किया है। इस वर्ष जनवरी से मार्च के बीच चले आपरेशन में आइबी ने नेपाली मूल के एजेंट अंसारुल मियां अंसारी को दिल्ली से 15 फरवरी को और उसके सहयोगी अखलाक आजम को रांची से तीन मार्च को गिरफ्तार किया। यह गिरफ्तारी जम्मू-कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले से पहले की गई थी।
दिल्ली पुलिस के सूत्रों के अनुसार, अंसारुल मियां दिल्ली में कई स्थानों की रेकी कर रहा था, जिससे वह राजधानी में आतंकी वारदात को अंजाम देने की योजना बना रहा था। अखलाक आइएसआइ के अधिकारियों तक भारतीय सेना के दस्तावेजों को पहुंचाने में अंसारुल की मदद कर रहा था।
स्पेशल सेल ने गोपनीय जानकारी साझा करने के लिए इनके खिलाफ आफीशियल सीक्रेट्स एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है। अंसारुल को मध्य जिला स्थित होटल से गिरफ्तार किया गया, जब वह पाकिस्तान भागने की योजना बना रहा था। उसके कब्जे से भारतीय सेना और सशस्त्र बलों से जुड़े कई गोपनीय दस्तावेज बरामद हुए। अंसारुल को आइएसआइ ने इन दस्तावेजों की सीडी बनाकर पाकिस्तान भेजने का निर्देश दिया था, जिसमें उसका साथी अखलाक भी शामिल था। दिल्ली पुलिस ने अप्रैल में चार्जशीट दाखिल की है और दोनों वर्तमान में तिहाड़ जेल में बंद हैं।
वहीं, उनसे पूछताछ में पता चला है कि आइएसआइ के कई अन्य एजेंट देश में छिपे हुए हैं, जिनकी तलाश में केंद्रीय जांच एजेंसियां जुटी हुई हैं। अंसारुल मियां ने पूछताछ में बताया कि वह मूल रूप से नेपाल का निवासी है। वहां से वह कतर पहुंचा और कैब चालक के रूप में काम किया, जहां उसकी मुलाकात एक आइएसआइ हैंडलर से हुई। इसके बाद उसे पाकिस्तान ले जाया गया, जहां आइएसआइ के सीनियर अधिकारियों ने उसे विशेष ट्रेनिंग दी।
अंसारुल का मुख्य मिशन भारतीय सेना से जुड़े गोपनीय दस्तावेजों को एकत्र कर उन्हें पाकिस्तान भेजना था। हाल के दिनों में पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में कई लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें हिसार की यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा भी शामिल हैं। इन पर आरोप है कि इन्होंने संवेदनशील जानकारी साझा की और लगातार एक पाकिस्तानी नागरिक के संपर्क में थीं।