Chamoli : उत्तराखंड के चमोली जिले में उच्च हिमालयी लोकपाल घाटी में स्थित सिख धर्म के पवित्र धर्मस्थल श्री हेमकुंट साहिब गुरुद्वारा साहिब के कपाट 25 मई यानी आज खुल रहे हैं। कपाट खोलने की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। श्री हेमकुंट साहिब गुरुद्वारा साहिब को लगभग 7 क्विंटल फूलों, तोरणों, झंडियों, रंग-बिरंगे गुब्बारों और फूलों के गुलदस्तों से भव्य रूप से सजाया गया है। सप्तश्रृंगी चोटियों के बीच स्थित दसवें गुरु गोविंद सिंह जी की पवित्र तपस्थली श्री हेमकुंड साहिब का अमृत कुंड हिम सरोवर अभी भी बर्फ से जमा हुआ दिखाई देता है।

गुरु धाम में भी गुरु की कृपा से मौसम सुहाना लग रहा है। 24 मई को यात्रा के एक महत्वपूर्ण पड़ाव पर, पंज प्यारों के नेतृत्व में, सीजन का पहला जत्था गोविंद घाट गुरुद्वारा साहिब से गुरु साहिब के जयकारों और पंजाब से आए विशेष बैंड संगीत की ध्वनि के बीच श्री हेमकुंट साहिब के लिए रवाना हुआ। निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार यह पहला जत्था रात्रि विश्राम घांघरिया स्थित गुरुद्वारा साहिब में करेगा। 25 मई, 2025 को यह जत्था घांघरिया से श्री हेमकुंट साहिब की यात्रा के अंतिम चरण के लिए रवाना होगा। इस जत्थे के वहां पहुंचने के बाद ही पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ श्री हेमकुंड साहिब के कपाट आम श्रद्धालुओं के लिए आधिकारिक तौर पर खोले जाएंगे।
इस बार श्रद्धालुओं को श्री हेमकुंट साहिब की यात्रा के दौरान आस्था मार्ग से लेकर श्री हेमकुंट साहिब तक कम बर्फ देखने को मिलेगी। तीर्थयात्रियों की सुचारू आवाजाही के लिए सम्पूर्ण पैदल मार्ग तैयार किया गया है। रास्ते में एडीसी के पर्यावरणविद पूरी एकाग्रता के साथ गुरु आस्था मार्ग की सफाई में जुटे नजर आ रहे हैं। इसके साथ ही अटला कोटी में करीब 70 मीटर लंबा ग्लेशियर फैला हुआ है। जिसे सुचारू यातायात के लिए काट दिया गया है। फिलहाल तीर्थयात्रियों को अटला कोटि ग्लेशियर प्वाइंट तक केवल घोड़े और खच्चर से ही परिवहन की सुविधा मिलेगी। यहां से सभी तीर्थयात्रियों को पैदल यात्रा करनी होगी। हालांकि, ग्लेशियर के दूसरे छोर पर दांडी कंडी लोग और कुछ घोड़े खच्चर वाले लोग भी तीर्थयात्रियों की सेवा के लिए खड़े नजर आते हैं।
छोटे बच्चों सहित बुजुर्गों और विकलांगों के लिए पालकी साहिब द्वारा श्री हेमकुंट साहिब की तीर्थयात्रा की सुविधा उपलब्ध है। इस बार भी श्रद्धालुओं के लिए गोविंदघाट हेलीपैड से कंजीला खड़क हेलीपैड घांघरिया तक पवनहंस हेली सेवा चलाई जा रही है। जिसके लिए ऑनलाइन टिकट बुकिंग जारी है। श्री हेमकुंट साहिब गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने भी यात्रा के मद्देनजर सभी प्रबंध कर लिए हैं।
गोविंद घाट गुरुद्वारा साहिब से लेकर श्री हेमकुंट साहिब गुरुद्वारा साहिब तक संगत के लिए लंगर से लेकर भोजन, स्वास्थ्य चिकित्सा टीम, विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम, फिजियोथेरेपी, जूस और जलपान तक हर प्रकार की सुविधाएं प्रदान की गई हैं। तीर्थयात्री होटल, लॉज और टेंट कॉलोनियों में भी रात बिता सकते हैं। घांघरिया में लगभग 10,000 तीर्थयात्रियों के लिए होटल, लॉज और शिविरों के माध्यम से आवास की व्यवस्था की गई है।
श्री हेमकुंट साहिब मैनेजमेंट ट्रस्ट के अध्यक्ष नरिंदरजीत सिंह बिंद्रा ने बताया कि कपाट खोलने की सभी तैयारि यां पूरी कर ली गई हैं। देश-विदेश से श्रद्धालु आसानी से श्री हेमकुंट साहिब के दर्शन कर सकें, इसके लिए राज्य सरकार और गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी पूरी तरह सतर्क है।