बीयूवीएम के महासचिव हेमंत गुप्ता के अनुसार, पहले सामान्य व्यापार लाइसेंस जहां 500 रुपये का था, उसे पांच हजार रुपये तथा सूखे मेवे, किराना व खाद्य तेल की बिक्री जैसे मामलों में इसे 11 हजार रुपये कर दिया गया है। जबकि, नमकीन, मिष्ठान बनाने वालों के लिए यह मार 25 हजार से एक लाख रुपये तक की पड़ रही है।
वह भी तब जबकि खाद्य सामग्री बेचने वालों को भारतीय खाद्य सुरक्षा मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआइ) को भी लाइसेंस की एवज में 7,500 रुपये देने होते हैं। हेमंत गुप्ता के अनुसार, एमसीडी से लाइसेंस लेने की प्रक्रिया भी काफी कठिन कर दी गई है।
उन्होंने बताया कि दो दिन पहले भारतीय उद्योग व्यापार मंडल (बीयूवीएम) का प्रतिनिधिमंडल इस संबंध में महापौर से मिला था। महापौर ने अगले माह स्थायी समिति के गठन के बाद इस मामले पर गंभीरतापूर्वक विचार करने का आश्वासन दिया है।