
सीआरपीएफ के जवान सिपाही मलकीत सिंह निवासी सेखवां को राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू की तरफ से बहादुरी पुरस्कार (शौर्य चक्र) के साथ सम्मानित किया गया।
सिपाही मलकीत सिंह के मामा डॉक्टर जसवंत सिंह मंगियां ने बताया कि कुछ समय पहले छत्तीसगढ़ के जिला सुकमा में नई फॉरवर्ड ऑपरेटिंग बेस स्थापित करते समय सीआरपीएफ तथा नक्सलियों के बीच हुए मुकाबले के दौरान सिपाही मलकीत सिंह ने अपनी जान की परवाह न करते हुए चलती भारी गोलीबारी दौरान अपने साथी सिपाही पवन कुमार जो कि इस मुकाबले के दौरान गंभीर जख्मी हो गए थे, उनको उठाकर सुरक्षित स्थान पर लाया गया, जिसको बाद में डॉक्टरों की तरफ से बलिदान करार दिया गया था।
इस दौरान मलकीत सिंह की अपनी छाती तथा बाजू में भी गोली लग गई थी। मगर वह फिर भी इन नक्सलियों का मुकाबला करता रहा तथा उसने कई नक्सलियों को भी मार मिटाया। मलकीत सिंह की इस बहादुरी को देखते हुए भारत की राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू की तरफ से सिपाही मलकीत सिंह को शौर्य चक्र के साथ विशेष तौर पर सम्मानित किया गया।
उन्होंने बताया कि यह बहादुरी सम्मान मिलने पर जहां मलकीत सिंह व हमारे परिवार तथा पूरे इलाके का सिर गर्व के साथ ऊंचा हुआ है, वही इस बहादुरी पुरस्कार मिलने से भारत की फौज में ड्यूटी निभाने वाले जवानों के भी हौसले और भी बुलंद हुए हैं तथा वह अपनी ड्यूटी को और भी लग्न से करेंगे। इस मौके मलकीत सिंह के परिवार की तरफ से मलकीत सिंह को बहादुरी पुरस्कार मिलने पर भारत की राष्ट्रपति तथा भारत सरकार का विशेष तौर पर धन्यवाद किया गया।