
गुजरात। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को अपने गुजरात दौरे पर दाहोद में 9000 हॉर्स पावर के रेल इंजन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। ये भारत को दूसरा सबसे शक्तिशाली रेल इंजन होगा, जो 5800 टन माल को 120 प्रति किलोमीटर की स्पीड से लेकर दौड़ सकेगा। बताते चलें कि 12,000 हॉर्स पावर वाला WAG 12 भारत का सबसे शक्तिशाली रेल इंजन है, जिसे माल ढोने में इस्तेमाल किया जाता है। माल ढुलाई को बढ़ाने के उद्देश्य से बनाया गया 9000 हॉर्स पावर के इस रेल इंजन को जर्मन कंपनी सीमेंस ने तैयार किया है।
9000 हॉर्स पावर वाले 1200 रेल इंजन बनाएगा सीमेंस
सीमेंस ने भारतीय रेलवे से 9000 हॉर्स पावर (एचपी) के 1200 इलेक्ट्रिक इंजन को डिजाइन, इंजीनियरिंग, मैन्यूफैक्चरिंग और मेनटेनेंस का एक अहम और बड़ा प्रोजेक्ट हासिल किया है। प्रधानमंत्री ने सोमवार को दाहोद में 21,405 करोड़ रुपये की लागत से बने देश के पहले 9000 हॉर्स पावर के लोकोमोटिव इंजन, लोकोमोटिव मैन्यूफैक्चरिंग प्लांट और रोलिंग स्टॉक वर्कशॉप का उद्घाटन किया। दाहोद का ये प्लांट घरेलू इस्तेमाल और साथ ही निर्यात के लिए 9000 हॉर्स पावर के इलेक्ट्रिक इंजन तैयार करेगा।
माल ढुलाई में 45% तक हिस्सेदारी बढ़ाना चाहता है रेलवे
सीमेंस ने कहा कि नासिक, औरंगाबाद और मुंबई में सीमेंस की फैक्ट्रियां इस प्रोजेक्ट के लिए महत्वपूर्ण कलपुर्जों का निर्माण कर रही हैं, जबकि अंतिम कलपुर्जों को असेंबली, ट्रायल और कमीशनिंग का काम दाहोद में किया जाता है। सीमेंस लिमिटेड के सीईओ और मैनेजिंग डायरेक्टर सुनील माथुर ने कहा, ‘‘इन एडवांस्ड इंजन की शुरुआत भारत सरकार की उस आकांक्षा को साकार करने के लिए महत्वपूर्ण है, जिसके तहत माल ढुलाई में रेलवे की हिस्सेदारी 27 प्रतिशत से बढ़ाकर लगभग 45 प्रतिशत की जानी है।’’
भारत में ही बनाई गई हैं 90 प्रतिशत टेक्नोलॉजी
पीएम मोदी द्वारा हरी झंडी दिखाने के साथ ही 9000 हॉर्स पावर वाला ये रेल इंजन, दुनिया के सबसे शक्तिशाली रेल इंजनों की लिस्ट में शुमार हो गया है। सीमेंस ने एक बयान में कहा, ”भारतीय रेलवे के साथ मिलकर हम एक वर्ल्ड क्लास प्लांट बनाने में सक्षम हुए हैं और 9000 हॉर्स पावर इलेक्ट्रिक इंजन के लिए लगभग 90% टेक्नोलॉजी भारत में ही बनाई गई हैं।” लोको पायलट की सुविधाओं को ध्यान में रखकर तैयार किए गए इस लोको में एसी और टॉयलेट की भी सुविधा है।