
सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग मानसून के दौरान बाढ़ से निपटने और जल भंडारण के लिए एसवाईएल और हांसी-बुटाना लिंक नहरों के चैनलों का उपयोग करने के लिए महत्वाकांक्षी परियोजना पर काम कर रहा है।
ड्रेनों सहित घग्गर नदी के पानी को इन दोनों नहरों में डालने के साथ ही बरसाती पानी को रोकने के लिए अस्थायी अवरोधों का निर्माण किया जाएगा। इससे न केवल बाढ़ नियंत्रण और भूजल को रिचार्ज करने में सहायता मिलेगी, बल्कि सिंचाई की जरूरतों को भी पूरा किया जा सकेगा।
‘लापरवाही कतई बर्दाश्त नहीं’
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने मंगलवार को सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग तथा जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अधिकारियों के साथ अल्पकालिक बाढ़ सुरक्षा कार्यों तथा ड्रेनों की आंतरिक सफाई की समीक्षा बैठक में कहा कि लापरवाही कतई बर्दाश्त नहीं होगी।
सभी उपायुक्त अपने जिलों में मानसून सीजन से पहले ड्रेनों की सफाई को सर्वोच्च प्राथमिकता देना सुनिश्चित करें। शेड्यूल बनाते हुए कार्य की निगरानी के लिए अपने अधीनस्थ अधिकारियों को नियुक्त करें। ड्रेन की सफाई का कार्य हर हाल में 15 जून से पहले पूरा हो जाना चाहिए।
ड्रेनों की साफ-सफाई अच्छे तरीके से हो: नायब सैनी
सिंचाई एवं जल संसाधन मंत्री श्रुति चौधरी के साथ अधिकारियों की बैठक ले रहे नायब सैनी ने कहा कि सभी अधीक्षण अभियंताओं को सुनिश्चित करना होगा कि ड्रेनों की सफाई सही तरह से की जाए।
ड्रेनों की आंतरिक सफाई की वर्तमान गति पर चिंता जताते हुए कहा कि मानसून आने में बहुत कम समय बचा है और अभी यह काम शेष है। उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट समय-सीमा निर्धारित करते हुए सभी लंबित कार्यों को बिना देरी के पूरा करने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी अन्य प्रशासनिक सचिवों के साथ 10 जून को फिर से इस कार्य प्रगति की समीक्षा करेंगे। यदि किसी अधिकारी की ओर से कोई लापरवाही पाई जाती है तो उसके खिलाफ सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
बाढ़ सुरक्षा के व्यापक उपायों की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अधिकारी अल्पकालिक उपायों पर फोकस करते हुए बाढ़ नियंत्रण से संबंधित चल रही योजनाओं को पूरा करना सुनिश्चित करें। जल निकासी के लिए आवश्यक पंपों की स्थिति और उपलब्धता का आकलन किया जाए।
विशिष्ट क्षेत्रों में जलभराव के कारणों की पहचान करने तथा स्थायी समाधान प्रदान करने के लिए लक्षित योजनाएं बनानी होंगी। उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधियों और पंचायतों द्वारा अनुशंसित बाढ़ सुरक्षा कार्यों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए तथा उन्हें जल्द से जल्द पूरा किया जाना चाहिए। साथ ही टांगरी और मारकंडा नदियों में गाद निकालने के काम की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए।