
आपातकाल में जेल जाने वाले लोकतंत्र सेनानियों को आर्थिक सहयोग देने पर विचार चल रहा है। मंगलवार को 1984 के सिख विरोधी दंगे में मारे गए लोगों के आश्रितों को सरकारी नौकरी की नियुक्ति पत्र देने के लिए आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने इसके संकेत दिए हैं।
उन्होंने कहा, “लोकतंत्र की रक्षा के लिए जेल जाने वाले सेनानियों को पूर्व की सरकारों ने कोई सम्मान नहीं दिया। अब हमारी सरकार ने अन्य राज्यों की तरह दिल्ली में भी इन्हें सम्मान देने का संकल्प लिया है। भाजपा शासित कई राज्यों में लोकतंत्र सेनानियों को सम्मान निधि दी जाती है।
किस राज्य में कितनी मिलती है पेंशन?
ओडिशा में भाजपा की सरकार बनने पर इस वर्ष जनवरी में लोकतंत्र सेनानियों को प्रति माह 20 हजार रुपये आर्थिक मदद करने की घोषणा की गई। मार्च में राजस्थान और छत्तीसगढ़ विधानसभा में मीसा बंदियों को पेंशन देने का विधेयक पारित किया गया। हरियाणा सरकार ने इसी वर्ष फरवरी में इनकी पेंशन राशि बढ़ाकर 20 हजार रुपये प्रति माह की है।
उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश व बिहार में भी इन्हें पेंशन मिलती है। दिल्ली में भी लोकतंत्र सेनानियों को अन्य राज्यों की तरह सम्मान निधि देने की बात होती रही है। वर्ष 2014 में लोकतंत्र सेनानी संघ का गठन किया गया है। भाजपा नेताओं ने दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान इन्हें सम्मान देने का वादा किया था। अब दिल्ली में भाजपा की सरकार है। शीघ्र ही यहां के लोकतंत्र सेनानियों को भी सम्मान राशि देने की घोषणा हो सकती है।
लोकतंत्र सेनानी संघ के महामंत्री राजकुमार सपरा का कहना है कि आपातकाल के दौरान जेल जाने वाले सेनानियों को इस समय 12 राज्यों में सम्मान निधि दी जाती है। दिल्ली में भी यह मिलना चाहिए। पूर्व की सरकार के सामने भी यह प्रस्ताव रखा गया था। वर्तमान सरकार के सामने भी यह प्रस्ताव रखा गया है। उम्मीद है सरकार सकारात्मक निर्णय लेगी।