
दिल्ली की भाजपा सरकार ने कोविड-19 के कारण अपने परिजनों को खोने वाले परिवारों के लिए लंबित मुआवजे पर विचार करने के लिए एक मंत्रिसमूह (जीओएम) का गठन किया है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने मंगलवार को कहा था कि कोविड-19 महामारी के दौरान अपने प्रियजनों को खोने वाले कई परिवारों को कोई मुआवजा नहीं दिया गया।
इस समस्या से निपटने के लिए ऐसे मामलों की पहचान करने और वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए एक विशेष समिति का गठन किया गया है। जिसकी बैठक जून के पहले सप्ताह में होने वाली है। अधिकारी ने कहा कि पिछली सरकार के दौरान भी एक मंत्री समूह था जिसने ऐसे मामलों पर गौर किया था।
दिल्ली में कोविड से कितने लोगों की हुई थी मौत?
जब भाजपा सरकार सत्ता में आई तो उसने फिर से मंत्री समूह का गठन किया जो मामलों को देखेगा। जून की बैठक में राजस्व, स्वास्थ्य और अन्य विभागों के प्रतिनिधि समिति के समक्ष मामले प्रस्तुत करेंगे। मंत्री समूह मामलों के विवरण का विश्लेषण करेगा और मुआवज़ा तय करेगा।
इस साल मार्च में गुप्ता ने दिल्ली विधानसभा में आरोप लगाया था कि पिछली आप सरकार से केवल 97 ऐसे परिवारों को वित्तीय सहायता मिली थी, जबकि प्रशासन ने प्रचार पर 17 करोड़ रुपये खर्च किए थे। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार दिल्ली में कोविड संक्रमण से जटिलताओं के कारण 26,700 से अधिक लोगों की मौत हुई थी।