
ऑपरेशन सिंदूर पर भाजपा विधायक आरएस पठानिया के कथित विवादित बयान ने तूल पकड़ लिया है। राजनीतिक दल इस मुद्दे को तूल देने का प्रयास कर रहे हैं। वहीं विधायक ने इसे फर्जी करार देते हुए बताया कि एआई की मदद से डीपफेक वीडियो बनाकर उनकी छवि खराब करने का प्रयास किया जा रहा है।
उन्होंने इसे डिजिटल साजिश करार देते हुए बताया कि इस मामले की जांच के लिए पुलिस को शिकायत दी गई है। इसमें दो पोर्टल समेत नौ लोगों के खिलाफ शिकायत दी है।
यहां बता दें कि उधमपुर एयरफोर्स स्टेशन मार्ग पर अतिक्रमण के मुद्दे पर प्रशासन ने कशिराह गांव में एक दर्जन के करीब लोगों को नोटिस दिया गया था। इस विषय पर आयोजित बैठक में विधायक भी शामिल हुए थे।
बैठक का वीडियो बताकर एक वीडियो सोशल मीडिया पर प्रसारित किया गया। इसमें वह नोटिस को गैर संवैधानिक करार देते हुए प्रतियां फाडते हुए दिखाई दे रहे हैं और आंदोलन की चेतावनी दे रहे हैं।
सोशल मीडिया पर प्रसारित वीडियो में ऑपरेशन सिंदूर में एयरफोर्स की भूमिका पर भी सवाल उठाते हुए दिखाई दे रहे हैं। इस पर पठानिया ने बताया कि उनके संबोधन के हिस्से को कांट-छांट कर एआइ की मदद से फर्जी वीडियो तैयार कर दिया गया है और इसे ही सोशल मीडिया और कुछ चैनल पर दिखाया गया है।
उन्होंने स्पष्ट किया कि उन्होंने किसी भी स्थिति में भारतीय वायुसेना या सशस्त्र बल का कभी अपमान करने की नहीं सोच सकते। यह प्रकरण केवल उनकी छवि को खराब करने तक सीमित नहीं है, बल्कि इससे भारतीय वायुसेना जैसी सम्माननीय संस्था के प्रति जनता में भ्रम उत्पन्न करने का प्रयास भी किया गया है।
विधायक पठानिया ने बताया कि दो पोर्टल समेत कुल नौ लोगों के खिलाफ शिकायत की गई है। और पुलिस से दोषियों पर कार्रवाई की मांग की गई है।
उन्होंने फिर दोहराया कि वह कशीराह गांव के नागरिकों की जमीन को लेकर ग्रामीणों के साथ हैं। साथ ही उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय सेना व वायु सेना की सराहना करते हुए कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा और भारतीय सेना को लेकर सस्ती राजनीति करना दुर्भाग्यपूर्ण है।