
Operation Shield: ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान को सबक सिखाने के बाद भी उसकी नापाक हरकतों का खतरा लगातार बना हुआ है। ऐसे में भारत ने अपनी सरहदी सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए ऑपरेशन शील्ड शुरू किया है। आज इस अभियान के तहत दूसरी मॉक ड्रिल आयोजित की जाएगी, जिसका उद्देश्य नागरिक सुरक्षा को परखना और जनता को जागरूक करना है।
मॉक ड्रिल में शामिल होंगे ये लोग
मॉक ड्रिल पाकिस्तान से सटे पश्चिमी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों- जम्मू-कश्मीर, पंजाब, गुजरात, राजस्थान और चंडीगढ़ में होगी। इसमें NDRF, SDRF, फायर ब्रिगेड, स्वयंसेवक, पुलिस, रेलवे पुलिस, स्वास्थ्य विभाग, स्थानीय प्रशासन, NCC, NSS, NYKS, सिविल डिफेंस वॉर्डन और स्काउट्स सक्रिय भूमिका निभाएंगे।
आपात स्थिति से निपटने की तैयारियों का जायजा
इस मॉक ड्रिल का मुख्य उद्देश्य सीमावर्ती राज्यों में आपात स्थितियों से निपटने की तैयारियों को परखना है। साथ ही, लोगों को दुश्मन के विमानों, ड्रोनों, मिसाइलों से होने वाले हवाई हमलों का सामना करने के तरीके सिखाए जाएंगे।
पाकिस्तान की उड़ी नींद
ऑपरेशन सिंदूर से सबक ले चुका पाकिस्तान अब ऑपरेशन शील्ड से भयभीत है। प्रधानमंत्री मोदी के कानपुर रैली में किए गए ऐलान ने पाकिस्तान को बैचेन कर दिया है। शहबाज सरकार और उसकी सेना को समझ नहीं आ रहा कि भारत का अगला कदम क्या होगा।
सिविल डिफेंस की मॉक ड्रिल
ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत ने आतंकवाद और पाकिस्तान की हरकतों से निपटने के लिए ऑपरेशन शील्ड शुरू किया है। यह मॉक ड्रिल हमला करने के लिए नहीं, बल्कि अपनी सुरक्षा को मजबूत करने के लिए है।
आज फिर बजेगा एयर रेड सायरन
आज जम्मू-कश्मीर, राजस्थान, गुजरात, हरियाणा, पंजाब और चंडीगढ़ में ऑपरेशन शील्ड की मॉक ड्रिल होगी। इस दौरान एयर रेड सायरन बजेगा, सीमावर्ती शहरों में ब्लैकआउट किया जाएगा और अचानक हमले जैसे हालात बनाए जाएंगे। आम लोगों को इनसे निपटने के लिए तैयार किया जाएगा।
दुश्मन की हरकतों की जानकारी
मॉक ड्रिल के दौरान SDRF, फायर ब्रिगेड, पुलिस, NDRF, रेलवे पुलिस, स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन सक्रिय रहेगा। लोगों को दुश्मन के हमलों, उनकी रणनीतियों और उनसे बचाव के उपायों की जानकारी दी जाएगी।
प्रशासन और जनता के बीच तालमेल
ऑपरेशन शील्ड में नकली हमले, गैस लीक, आपदा, विस्फोट, आगजनी और सामूहिक घुसपैठ जैसे हालातों का अभ्यास होगा। इसमें स्थानीय नागरिकों की भागीदारी होगी ताकि संकट में प्रशासन और जनता के बीच तालमेल को परखा जा सके।