
नगर निगम में एक बार फिर फ्री की आड़ में कंपनियों को फायदा पहुंचाने का काम किया जा रहा है। इस बार हॉर्टिकल्चर वेस्ट प्लांट का काम बिना किसी टेंडर के पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग को देने की तैयारी है। अफसरों में इस काम को अलॉट करने की इतनी जल्दी है कि तीन दिन में ही कंपनी फाइनल कर ली गईं।
निगम के अफसरों के पास 28 अप्रैल को हार्डीकॉन नामक पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग का आवेदन आया। उसके अगले ही दिन इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट ने इसका प्रस्ताव तैयार कर लिया। निगम सदन की बैठक में 30 अप्रैल को सदन की बैठक में इसे पारित भी कर दिया। अब इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट के अफसर कंपनी की काम अलॉट करने की तैयारी में है।
प्रोजेक्ट कंसलटेंट कंपनी को हार्टिकल्चर का काम
निगम जिस पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग की काम अलॉट करने जा रही है। वह प्रोजेक्ट कंसलटेंसी का काम करती है। कंपनी के पास हॉर्टिकल्चर वेस्ट को प्रोसेस करने का कोई अनुभव नहीं है। न ही कंपनी ने कभी कोई हॉर्टिकल्चर वेस्ट का प्लांट लगाया है। न ही कंपनी के पास कोई तकनीकी मैनपावर है।
ऐसे होगी फ्री के नाम पर गेम
निगम के अफसर दावा कर रहे है कि पब्लिक सेक्टर कंपनी फ्री में हॉर्टिकल्चर वेस्ट का प्लांट लगाएगी तथा प्रोसेस करेगी। प्रोसेस के बाद जो मटेरियल तैयार होगा वह कंपनी का ही होगा। कंपनी उसे बेचकर कमाई करेगी। कंपनी को 10 साल के लिए प्लांट का काम दिया जाएगा। निगम 60 टन का प्लांट कंपनी द्वारा फ्री में लगाने का दावा कर रहा है।
जमीन प्लांट के लिए निगम देगा। कंपनी को 60 टन का प्लांट लगाने में खर्चा लगभग तीन करोड़ रुपये खर्च आएगा जबकि एक साल में ही कंपनी इस प्लांट से तैयार प्रोडक्ट से ही तीन से चार करोड़ रुपये की कमाई कर लेगी। ऐसे में प्लांट का खर्च एक साल में ही निकालकर कंपनी 10 साल मोती कमाई करेगी।
निगम को जीरो कमाई
फ्री के इस खेल में नगर निगम की कसमें जीरो होगी। ऐसे में जबकि नगर निगम पहले ही वित्तीय संकट से जूझ रहा है। अफसर इस प्रोजेक्ट के जरिए निगम को ओर संकट में धकेल रहे है। जहां से कमाई होनी चाहिए उस काम को फ्री के नाम पर एक ऐसी कंपनी को दिया जा रहा है, जो इसे चलाने में सक्षम नहीं है और यह काम किसी थर्ड पार्टी को ही अलॉट करेगी।