
वर्तमान 18वीं विधानसभा में विधायकी गंवाने वाला अब्बास अंसारी छठवां विधायक है। इससे पहले रामपुर से सपा विधायक मोहम्मद आजम खां तथा रामपुर की स्वार टांडा सीट से विधायक चुने गए उनके पुत्र अब्दुल्ला आजम, कानपुर की सीसामऊ सीट के सपा विधायक इरफान सोलंकी, मुजफ्फरनगर की खतौली सीट से भाजपा विधायक विक्रम सैनी, सोनभद्र की दुद्धी सीट से भाजपा विधायक रामदुलार गोंड़ सजा पाने के बाद विधायकी से हाथ धो चुके हैं।
बता दें कि माफिया मुख्तार अंसारी के बेटे और मऊ सदर से सुभासपा विधायक अब्बास अंसारी को शनिवार को एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष जज एवं मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट डा. कृष्ण प्रताप सिंह ने 2022 में हुए विधानसभा चुनाव के समय दिए भड़काऊ भाषण के मामले में दो साल कारावास और 11 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। दो साल की सजा के बाद अब्बास की विधानसभा सदस्यता लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा-8 के तहत स्वत: समाप्त हो गई है।
कोर्ट के आदेश की प्रमाणित प्रति प्राप्त होने पर विधानसभा सचिवालय मऊ सदर सीट के रिक्त होने की अधिसूचना जारी करेगा, जिसके आधार पर वहां उपचुनाव कराया जा सके। अब्बास ने तीन मार्च 2022 को मऊ के पहाड़पुर मैदान में जनसभा को संबोधित करते हुए चुनाव जीतने के बाद अफसरों को सबक सिखाने की धमकी दी थी। इस मामले में षड्यंत्र रचने का दोषी पाए गए अब्बास के चाचा मंसूर अंसारी को छह माह के साधारण कारावास के साथ एक हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई है।
अदालत ने इसी मामले में अब्बास के छोटे भाई उमर अंसारी को बरी कर दिया है। बचाव पक्ष के वकील दरोगा सिंह ने बताया कि अदालत ने अब्बास को भारतीय दंड संहिता की धारा 153-ए (धार्मिक उन्माद फैलाने) और धारा 189 (लोक सेवक को नुकसान पहुंचाने की धमकी) के तहत दो-दो साल, धारा 506 (आपराधिक धमकी) के तहत एक साल और धारा 171-एफ (चुनाव पर अनुचित प्रभाव डालने) के तहत छह माह कैद की सजा सुनाई है।
सभी सजाएं साथ-साथ चलाने व जेल में बिताई गई अवधि को समायोजित करने का आदेश दिया है। उन्होंने कहा कि आदेश को सत्र न्यायालय में चुनौती दी जाएगी। तीन साल से कम सजा होने के कारण अदालत ने अपील के लिए समय देते हुए अब्बास और मंसूर को जमानत पर छोड़ दिया है।