
”ऑपरेशन सिंदूर” में स्वदेशी सैन्य हथियारों के शानदार प्रदर्शन के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के स्वदेशी के आह्वान को संघ परिवार का साथ मिला है। स्वदेशी जागरण मंच (एसजेएम) ने इस माह के मध्य से राष्ट्रीय स्तर पर ”स्वदेशी सुरक्षा और स्वावलंबन अभियान” शुरू करने की तैयारी की है।
इसके तहत, विदेशी उत्पादों के इस्तेमाल से खतरों के प्रति आगाह करते हुए स्वदेशी उत्पादों को खरीदने तथा उत्पादन को बढ़ाने के प्रति देशवासियों को जागरूक किया जाएगा। यह अभियान 17 जून से दिल्ली में एक कार्यक्रम से आरंभ होगा।
संगठन के एक वरिष्ठ पदाधिकारी के अनुसार, अभियान में संघ परिवार के सम विचार संगठनों के जुड़े होने के साथ कृषि, उद्योग, व्यापार, ग्राहक, धार्मिक समेत अन्य विभिन्न संगठनों को भी जोड़ा जाएगा। यह अराजनीतिक होगा। इसलिए हर राजनीतिक दल के लोगों से भी जुड़ने का आह्वान किया जाएगा। ताकि, सभी तरफ से सकारात्मक माहौल बने।
इसके पूर्व आर्थिक उदारीकरण के आरंभ में वर्ष 1992 में एसजेएम ने राष्ट्रीय अभियान अपने हाथ में लिया था तथा उसके खतरों के प्रति तीन लाख गांव-शहरों के लोगों को सचेत किया था। जो अब लघु, कुटीर उद्योग की बदहाल स्थिति, आयात पर निर्भरता, विदेशी कंपनियों की मनमानी और बेराजगारी के रूप में सामने है।
मौजूदा अभियान को देश के 600 से अधिक जिलों में पहुंचाया जाएगा, जहां एसजेएम का सांगठनिक ढांचा है। इसके तहत सम्मेलन, सभाएं, रैली, बैठकें समेत अन्य आयोजन होंगे। इंटरनेट मीडिया का इस्तेमाल होगा। अभियान के तहत स्वदेशी संकल्प, एमएसएमई उद्योग के साथ स्टार्टअप व महिला उद्यमिता को बढ़ावा देने जैसे प्रयास प्रमुख होंगे।
भारत के साथ संघर्ष में आतंकवाद परस्त पाकिस्तान का साथ देने पर तुर्किये तथा अजरबैजान के प्रति भारतीयों का गुस्सा फूटा था। न सिर्फ पर्यटन बहिष्कार बल्कि उत्पादों का बहिष्कार भी चल रहा है। इसके पूर्व यह स्थिति चीन के उत्पादों के मामले में भी रही है।
वैसे, स्वदेशी के प्रति शुरू से आग्रही प्रधानमंत्री ने गुजरात के गांधी नगर में एक सभा में गत 27 मई को देशवासियों से स्वदेशी सामान अपनाने और विदेशी, खासकर चीनी उत्पादों का बहिष्कार करने की अपील की है। जहां उन्होंने अफसोस जताया कि छोटी आंखों वाले गणेश की मूर्तियाें के साथ होली के रंग और दीपावाली की सजावट सामानें भी विदेश से आ हो रही हैं।
ऐसे में उन्होंने गांव-गांव में स्वदेशी का संकल्प दिलाने का आह्वान किया है। एसजेएम के राष्ट्रीय सह संयोजक डा. अश्वनी महाजन के अनुसार, जब तक भारत हर क्षेत्र में स्वदेशी को नहीं अपनाता, तब तक आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना अधूरी है। ऐसे में यह अभियान 2047 तक भारत को आत्मनिर्भर, विकसित और स्वाभिमानी राष्ट्र बनाने का संकल्प है।