
जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री के निर्देशानुसार प्रदेशभर में चल रहे जन जागरूकता अभियान के अंतर्गत जल की बर्बादी करने वालों और अवैध कनेक्शनधारियों के पेयजल कनेक्शन विभाग द्वारा काटे जा रहे हैं। इस अभियान का उद्देश्य जल की बर्बादी को रोकना और हर घर तक स्वच्छ पेयजल पहुंचाना है।
जिला सलाहकार मंगतुराम सरसवा ने बताया कि महेन्द्रगढ़ जिले में अब तक विभागीय टीमों द्वारा कुल 1040 नल उपभोक्ताओं का निरीक्षण किया जा चुका है। 42 खुले नलों पर टोंटियां लगवाई गई हैं। 140 अवैध कनैक्शन काटे जा चुके हैं और 24 लीकेज की मरम्मत करवाई गई है।
यह अभियान 30 जून तक सतत रूप से जारी रहेगा। मुख्य पेयजल पाइपलाइनों में किए गए अवैध कनैक्शनों को हटाने और व्यावसायिक रूप से पेयजल का दुरुपयोग करने वालों पर जुर्माना लगाने की प्रक्रिया भी जारी है।
बुधवार को विभागीय टीमों ने गांव दौंगड़ा जाट, मुलौदी, उनिंदा और सतनाली में दौरा किया। इस अवसर पर बीआरसी पूजा रानी, बीआरसी विक्रम सिंह, बीआरसी धर्मेंद्र और बीआरसी निषू ने घर-घर जाकर लोगों को पेयजल के महत्व और जल की बर्बादी रोकने के लिए प्रेरित किया।
जल संरक्षण: हर नागरिक की जिम्मेदारी
जल जीवन का मूल स्रोत है। बढ़ती जनसंख्या, शहरीकरण और अनियमित जल उपयोग के चलते हमारे पास उपलब्ध स्वच्छ जल संसाधन तेजी से कम हो रहे हैं। जल संरक्षण केवल सरकारी योजनाओं की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि हर नागरिक का नैतिक कर्तव्य है।
हमें चाहिए कि हम घरों में टोंटियों को ठीक रखें, लीकेज को तुरंत ठीक कराएं, आवश्यकतानुसार ही जल का प्रयोग करें, वर्षा जल संचयन अपनाएं और पेयजल का उपयोग सिंचाई या सफाई जैसे कार्यों में न करें। “हर बूंद कीमती है” – इस मंत्र को अपनाकर ही हम भविष्य की पीढ़ियों के लिए जल सुरक्षित रख सकते हैं।