हमें चाहिए कि हम घरों में टोंटियों को ठीक रखें, लीकेज को तुरंत ठीक कराएं, आवश्यकतानुसार ही जल का प्रयोग करें, वर्षा जल संचयन अपनाएं और पेयजल का उपयोग सिंचाई या सफाई जैसे कार्यों में न करें। “हर बूंद कीमती है” – इस मंत्र को अपनाकर ही हम भविष्य की पीढ़ियों के लिए जल सुरक्षित रख सकते हैं।