
पटियाला:- पंजाब में भीषण गर्मी के बीच सोमवार से धान की रोपाई का तीसरा चरण शुरू हो गया और बिजली की मांग भी रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई। सोमवार को बिजली की मांग 15,624 मेगावाट रही। रविवार को यह मांग सिर्फ 13,510 मेगावाट तक थी।
24 घंटे में ही बिजली की मांग में रिकॉर्ड 2,114 मेगावाट की बढ़ोतरी दर्ज की गई। दूसरी तरफ मौसम भी गर्म है। पिछले दो दिनों से राज्य में अधिकतम तापमान भी 40-44 डिग्री के बीच चल रहा है। इसका असर भी बिजली की मांग पर पड़ा है। कई शहरों में छह घंटे तक का लंबा कट लगा, जिससे लोगों को परेशानी झेलनी पड़ी। वर्तमान में बिजली निगम के पास 16,800 मेगावाट की उत्पादन क्षमता है।
अगर गर्मी का यही हाल रहा तो इस सीमा तक पहुंचने से पहले ही पावर कट लगने शुरू हो सकते हैं। विशेषज्ञों का भी कहना है कि यदि मानसून समय पर नहीं आया तो इतनी बड़ी मांग को बिना पावर कट के पूरा करना पावरकाम के लिए बेहद मुश्किल होगा। सोमवार से पटियाला, संगरूर, बरनाला, मालेरकोटला, मानसा, लुधियाना, मोगा, जालंधर, कपूरथला और नवांशहर में धान की रोपाई शुरू हो चुकी है।
अन्य जिलों में पहले से ही धान की रोपाई चल रही है। खेती के लिए बिजली देने से मांग बढ़ गई है। अगर पिछले तीन सालों की तुलना करें, तो मौजूदा समय में इस वर्ष बिजली की मांग सबसे ज्यादा है। नौ जून 2024 को बिजली की मांग 11,504 थी, जबकि नौ जून 2023 को यह मांग सिर्फ 9,790 थी।
अगर पूरे जून महीने का आंकलन करें तो वर्ष 2024 में 13 जून को बिजली की मांग ने 15 हजार मेगावाट का आंकड़ा पार किया था, जबकि वर्ष 2023 में 22 जून को बिजली की मांग 15 हजार मेगवाट के पार हुई थी। सोमवार को बिजली की मांग 15,624 मेगावाट तक पहुंच गई। इस दौरान दोपहर 4.24 बजे तक सरकारी और प्राइवेट थर्मल प्लांट, हाइड्रो और अन्य स्रोतों से 5,675 मेगावाट के करीब बिजली हासिल हुई है।