
उन्होंने कहा कि उद्योगपतियों को अपने प्रोजेक्टों की मंजूरी के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर खत्म हो जाएंगे क्योंकि मैन्युफैक्चरिंग से लेकर आईटी तक, अब उद्योगों को सिंगल विंडो क्लियरेंस सुविधा मिलेगी। फास्ट ट्रैक पोर्टल से निवेश की तस्वीर बदलेगी तथा पारदर्शिता व गति से पंजाब उद्योग हब बनेगा। फास्ट ट्रैक पंजाब पोर्टल पंजाब सरकार का एक दूरदर्शी एवं निवेशक अनुकूल पहल है।यह उन प्रयासों का हिस्सा है जो राज्य को एक इंडस्ट्रियल पावरहाउस में बदलने के लिए किए जा रहे हैं। यदि इसका प्रभाव धरातल पर भी उतना ही प्रभावी रहा जितना इसका उद्देश्य है तो यह पंजाब के औद्योगिक परिदृश्य में क्रांतिकारी परिवर्तन ला सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उद्योगपतियों की सुविधा के लिए सिंगल विंडो के साथ सिंगल पेन सिस्टम शुरू किया गया है।
यहां काम करने वाले उद्यमी रोजगार के अधिक अवसर पैदा करते हैं जिससे राज्य में औद्योगिक विकास को बढ़ावा मिलता है। पहले के विपरीत अब कोई भी उद्यमियों को परेशान नहीं करेगा। उद्योगपतियों की जरूरतों व उनकी सुविधा के लिए उद्योगों के लिए नीतियां बनाई गई हैं।
उद्योगों ने राज्य सरकार से जो भी मांगें की हैं, वे उनकी सुविधा के लिए प्रदान की गई हैं। यह क्षेत्र में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए समय की जरूरत भी है और इसका उद्देश्य पंजाब को औद्योगिक केंद्र बनाना है। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री हरपाल सिंह चीमा, तरुणप्रीत सिंह सौंध सहित अन्य गणमान्य उपस्थित थे।
lमुख्यमंत्री मान और केजरीवाल ने रिमोट दबाकर की पोर्टल की शुरुआत, उद्योगपतियों से कहा-पोर्टल का अधिक उपयोग करें lसरकारी दफ्तरों के चक्कर खत्म, मैन्युफैक्चरिंग से लेकर आईटी तक उद्योगों को मिलेगी सिंगल विंडो क्लियरेंस सुविधा lसीएम ने जताया विश्वास-पोर्टल धरातल पर प्रभावी रहा तो बदलेगी निवेश की तस्वीर, पंजाब बनकर उभरेगा उद्योग हब
विशिष्ट रंग-कोड वाले स्टैंप पेपर से सभी मंजूरियां
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोई भी उद्यमी जो राज्य में अपनी औद्योगिक इकाई स्थापित करना चाहता है, वह ‘इनवेस्ट पंजाब’ पोर्टल से यह विशिष्ट रंग-कोड वाला स्टैंप पेपर प्राप्त कर सकता है। उद्योगपति अपनी इकाई स्थापित करने के लिए सीएलयू, वन, प्रदूषण, अग्निशमन व अन्य मंजूरियां प्राप्त करने के लिए केवल यह एकल स्टैंप पेपर खरीदकर विभिन्न आवश्यक शुल्कों का भुगतान कर सकेंगे।
स्टैंप पेपर खरीदने के बाद उद्योगपति को अपनी इकाई स्थापित करने के लिए 15 दिनों के भीतर सभी विभागों से सभी आवश्यक मंजूरियां मिल जाएंगी। इसके साथ ही देश के कई अन्य राज्य भी इस रणनीति को अपनाने में रुचि दिखा रहे हैं।