
चंडीगढ़:- पंजाब सरकार की ओर से चलाए गए युद्ध नशों के विरुद्ध अभियान के तहत पंजाब पुलिस के सामने नए खुलासे हुए हैं। छापेमारी के दौरान नशेड़ियों के पास से 10 और 20 के नोट बरामद हो रहे हैं।
जानकारी के अनुसार नशेड़ी हेरोइन पीने के लिए इन नोटों का इस्तेमाल करते हैं। बड़े नोट से वह हेरोइन के नशे की पूर्ति नहीं कर पाते हैं। जिसके कारण छोटे नोटों का प्रयोग कर रहे हैं। उधर, पुलिस अधिकारियों का कहना है सिंथेटिक ड्रग्स का इस्तेमाल बड़ी संख्या में हो रहा है जोकि चिंता का कारण बन रहा है।
अभियान के दौरान अब तक 3 किलो से ज्यादा से आइस पकड़ी गई। युद्ध नशों के विरुद्ध अभियान के दौरान पुलिस की ओर से जितने नशेड़ी पकडे़ गए है उनके पास से 10 और 20 के जले हुए नोट मिले। एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स के अधिकारियों के मुताबिक ड्रग्स सूंघने के लिए पाइप की तरह तरह इन नोटों का इस्तेमाल किया जाता है।
छोटी करेंसी (10 और 20) का इस्तेमाल क्यों होता है?
ड्रग को रोल करने या सूंघने के लिए: 10 या 20 के नोट को रोल करके लोग हेरोइन सूंघने के लिए ट्यूब की तरह इस्तेमाल करते हैं। ये छोटे नोट आसानी से मुड़ जाते हैं और फेंकने लायक होते हैं।
ट्रांजेक्शन के लिए: ड्रग की छोटी मात्रा (जैसे 1 डोज) 100-200 में बिकती है। ऐसे में छोटी करेंसी में भुगतान आसान होता है। बड़े नो देने से शक होता है या ड्रग पेडलर के पास छुट्टा नहीं होता। छोटी करेंसी लो प्रोफाइल होती है। यानी पकड़े जाने पर ज्यादा शक नहीं होता। ये नोट फौरन फेंके जा सकते हैं।
इंजेक्शन से रहता है HIV का खतरा
हेरोइन को बारीक पाउडर के रूप में लिया जाता है और नाक के जरिए अंदर खींचा जाता है। इंजेक्शन लगा कर इसे पानी में घोलकर नसों में इंजेक्शन के जरिए डाला जाता है। यह सबसे खतरनाक तरीका है। लेकिन इससे एचआइवी और अन्य संक्रमण का खतरा होता है। इस लिए इसे सिगरेट या फायल में जलाकर धुएं के रूप में सांस के जरिए लेते हैं।
सिंथेटिक ड्रग क्या है?
सिंथेटिक ड्रग्स वे नशीले पदार्थ होते हैं जो प्राकृतिक स्रोतों से नहीं, बल्कि रासायनिक रूप से लैब में बनाए जाते हैं। इन्हें कृत्रिम ड्रग्स भी कहा जाता है। ये प्राकृतिक ड्रग्स (जैसे अफीम, गांजा, अफीम से बनी हेरोइन) के असर की नकल करते हैं या कभी-कभी उनसे भी अधिक तीव्र असर डालते हैं। उदाहरण एमडीएमए (एक्स्टसी), मेथैम्फेटामाइन (आइस, क्रिस्टल मेथ), एलएसडी, फेंटेनल।
खतरनाक क्यों हैं?
- बहुत कम मात्रा में ही जानलेवा असर
- ब्रेन और हार्ट पर सीधा असर
- नशे की तीव्र लत
- कई बार यह जानबूझकर मिलावट करके दी जाती हैं
हेरोइन क्या है और कैसे मिलती है?
हेरोइन एक अत्यधिक नशे वाली ड्रग है जो अफीम से बनाई जाती है। इसका वैज्ञानिक नाम है डायासिटिलमॉर्फीन यह एक ओपिओइड ड्रग है जो दर्द को कम करने और हाई फीलिंग देने के लिए प्रयोग की जाती है।
अफीम के पौधे से अफीम निकाली जाती है। अफीम को प्रोसेस करके मार्फीन निकाली जाती है। मार्फीन को रासायनिक प्रक्रिया से हेरोइन में बदला जाता है।
हेरोइन क्यों खतरनाक है?
- एक बार सेवन करने पर शरीर में तीव्र लत लग जाती है।
- शरीर टूटने लगता है, भूख कम हो जाती है, वजन गिरता है।
- नींद, सोचने की शक्ति, शरीर की गतिविधियां सब धीरे-धीरे खराब हो जाती हैं।
- ओवरडोज से मौत हो सकती है।