ऊर्जा मंत्री अनिल विज ने कहा कि मरना तो हर किसी को है, लेकिन अगर मौत काम करते हुए आए तो वह भी एक सौभाग्य की बात होगी। उनकी यह बात न सिर्फ शायराना थी, बल्कि उनके कर्तव्यनिष्ठा और समर्पित व्यक्तित्व की झलक भी है।
इस मौके पर विज का संकल्प और जनता के प्रति उनका समर्पण एक बार फिर स्पष्ट नजर आया। ऊर्जा मंत्री अपनी स्पष्टवादिता और जमीनी स्तर पर सक्रियता के लिए जाने जाते हैं। उनका यह अंदाज आम जनता से उन्हें जोड़ता है और आज की यह शायरी भी उनके इसी जज्बे की मिसाल है।

शायराना अंदाज में दिखे ऊर्जा मंत्री अनिल विज

आपकी दुआओं से ही मैं जिंदा हूं, वरना धरती का मैं छोटा सा परिंदा हूं,

कभी ऊंचा उड़ने की ख्वाहिश नहीं की मैंने, काम अधूरे छोड़कर चला जाता यही सोचकर शर्मिंदा हूं।
मैं तो धरती का छोटा सा परिंदा हूं…
तूफानों से खेलता हूं मैं, मैं खुद भी एक तूफान हूं, मुझसे टकराने वालों के अंत का पैगाम हूं,
राजनीति ने गालिब हमको निकम्मा कर दिया, वरना आदमी तो थे हम बहुत काम के।