इस मामले में पंचकूला निवासी सुरेंद्र कुमार ने कोर्ट को बताया था कि बिना किसी अपराध के लगातार याची के खिलाफ जांच की जा रही हैं। एक बार जांच में क्लीन चिट मिलने के बाद भी फिर से जांच बैठा दी गई। इस मामले में हाई कोर्ट ने पंजाब सरकार, हरियाणा व चंडीगढ़ को प्रतिवादी बनाते हुए पूछा था कि कितने ऐसे मामले हैं जहां पर एफआईआर दर्ज किए बगैर जांच जारी है।
एक सुनवाई पर यूटी प्रशासन ने बताया था कि उनके पास कुल 1959 शिकायतें पहुंची और इनमे से 1735 का निपटारा किया जा चुका है। बाकी 224 शिकायतों का भी एक सप्ताह के भीतर निपटारा कर दिया जाएगा। हरियाणा सरकार ने बताया था कि उनके पास वर्तमान में 4724 मामलों की जांच विचाराधीन है जिनमें एफआईआर नहीं की गई है। इन लंबित मामलों का एक सप्ताह के भीतर निपटारा कर दिया जाएगा।
पंजाब सरकार ने बताया था कि प्रदेश में ऐसे सभी मामलों का निपटारा 15 दिन के भीतर कर दिया जाएगा जहां शिकायत के बावजूद एफआईआर नहीं है और जांच लंबित है। हाई कोर्ट ने कहा था कि यदि अब आदेश का पालन करने में कोताही हुई तो तीनों डीजीपी के लिए तैयार रहें। जिसके बाद तीनों डीजीपी ने कोर्ट में जानकारी दी है कि अबपंजाब, हरियाणा व चंडीगढ़ में अब बिना एफआईआर कोई जांच नहीं होगी।