निगम पार्षदों ओर अफसरों को यह जानकारी नहीं दी गई। यदि निगम डंपिंग ग्राउंड में पहले काम कर रही कंपनी आकांक्षा एंटरप्राइजेज की तरह काम अलॉट करता तो उसे लगभग 5 करोड़ का फायदा होता।

जिम्मेदारी तय हो

निगम में बायो माइनिंग के नाम पर हुए इस घोटाली की जिम्मेदारी तय करने की मांग की जा रही है। पूर्व डिप्टी मेयर सतीश कैथ के अनुसार चीफ इंजीनियर अपनी जिम्मेदारी से भाग रहे है। निगम के कामों में वह असमर्थ साबित हुए है।

शहर की सामाजिक संस्था ओर भ्रष्टाचार का खिलाफ काम कर रही डीके संस्था ने उसकी शिकायत सीबीआई और सीवीसी को की है। इसमें निगम के अफसरों पर सीधे-सीधे कंपनी को फायदा पहुंचाने का आरोप लगाया गया है।