
RBI NEW RULE : भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है। यह फैसला उन लोगों के लिए राहत की खबर है जिनके बैंक खाते पिछले 10 सालों से इस्तेमाल नहीं किए जा रहे थे। अब ऐसे खातों को दोबारा चालू करना आसान हो गया है।
निष्क्रिय खाता किसे कहते हैं?
अगर कोई बैंक खाता (बचत या चालू खाता) 10 साल से ज्यादा समय तक बिना किसी लेन-देन के बंद पड़ा है, तो उसे निष्क्रिय (Inoperative) खाता माना जाता है। इसमें न तो पैसे जमा किए गए हों और न ही निकाले गए हों। अगर खाते में पैसे बचे हों और 10 साल तक कोई दावा नहीं किया गया हो, तो उसे अनक्लेम्ड डिपॉजिट (Unclaimed Deposit) कहते हैं।
नए नियम क्यों ज़रूरी थे?
कई बार खाताधारक की मृत्यु हो जाती है, या वे शहर बदल लेते हैं और पुराने खाते को भूल जाते हैं। कई बार परिवार वालों को भी इन खातों की जानकारी नहीं होती। ऐसे में खातों में जमा पैसा बिना उपयोग के पड़ा रह जाता है।
अब RBI ने यह तय किया है कि लोग अपने इन पुराने खातों को आसानी से फिर से चालू कर सकें ताकि उनका पैसा सुरक्षित तरीके से उन्हें मिल सके।
केवाईसी प्रक्रिया अब और आसान
RBI ने बैंकों को निर्देश दिया है कि वे ऐसे खातों को चालू करने के लिए केवाईसी (KYC) अपडेट की सुविधा दें।
अब यह प्रक्रिया पहले की तुलना में बहुत आसान और सुविधाजनक बना दी गई है।
वीडियो केवाईसी की सुविधा
अब ग्राहक वीडियो कॉल के जरिए भी अपनी पहचान साबित कर सकते हैं। इसे वीडियो केवाईसी कहा जाता है।
इससे अब लोगों को बार-बार बैंक की शाखा में जाकर दस्तावेज़ देने की जरूरत नहीं होगी।
यह सुविधा खासतौर पर बुज़ुर्गों और व्यस्त लोगों के लिए बहुत फायदेमंद है।
बिजनेस कॉरेस्पॉन्डेंट की मदद से गांवों में सुविधा
RBI ने बैंकों को यह भी अनुमति दी है कि वे रजिस्टर्ड बिजनेस कॉरेस्पॉन्डेंट यानी बैंक के अधिकृत प्रतिनिधियों की मदद लें। ये प्रतिनिधि गांवों और दूरदराज के इलाकों में जाकर लोगों की KYC प्रक्रिया पूरी करवा सकते हैं।
इससे अब ग्रामीण क्षेत्रों में भी बैंकिंग सुविधाएं घर के पास उपलब्ध होंगी।
ग्राहकों का पैसा सुरक्षित और जागरूकता में बढ़ोतरी
कोई खाता 10 साल तक चालू नहीं किया गया हो, तो उसकी राशि Deposit Education and Awareness Fund (DEA Fund) में भेज दी जाती है। यह फंड RBI द्वारा संचालित होता है और इसका इस्तेमाल लोगों को वित्तीय जानकारी देने, जमाकर्ताओं की सुरक्षा, और बैंकिंग जागरूकता बढ़ाने के लिए किया जाता है। इससे यह सुनिश्चित होता है कि निष्क्रिय खातों में जमा पैसा जनहित में इस्तेमाल हो।
नए नियमों के फायदे
- पुराना खाता दोबारा चालू करवाना अब आसान
- बैंक जाना जरूरी नहीं, घर बैठे केवाईसी संभव
- गांवों में भी सुविधा, बैंक प्रतिनिधि घर आ सकते हैं
- खातों में जमा पैसा सुरक्षित रहेगा
- लोगों को अपने पैसों का हक मिलेगा