
मानसा (पंजाब): ज़िले के एक गांव में उस समय तनाव की स्थिति बन गई जब एक Private Finance Company ने Loan Default के चलते एक किसान के घर पर कुर्की का नोटिस चस्पा कर दिया। नोटिस की खबर फैलते ही किसान संगठनों ने विरोध प्रदर्शन किया और कंपनी के खिलाफ नारेबाजी की।
यह विरोध भारतीय किसान यूनियन (उग्राहा) के नेतृत्व में किया गया, जिसमें किसानों ने साफ शब्दों में कहा कि “घर और ज़मीन की कुर्की किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी।”
बीमारी के चलते नहीं भर सके किश्तें, अब कुर्की की धमकी
किसान नेता जगसीर सिंह, जगराज सिंह और भान सिंह ने जानकारी दी कि अविनाश सिंह नामक किसान ने वर्ष 2020 में एक Private Loan Company से ₹9 लाख का ऋण लिया था, जिसे वह शुरुआत में नियमित रूप से चुका रहे थे।
लेकिन परिवार में गंभीर बीमारी आने के चलते कुछ किश्तें समय पर नहीं भरी जा सकीं। इसके बाद कंपनी ने बिना किसी मानवीय विचार के कुर्की की प्रक्रिया शुरू कर दी और उनके घर के बाहर Notice चिपका दिया।
“जब तक जिंदा हैं, किसी की जमीन नहीं कुर्की होने देंगे” – किसान नेता
प्रदर्शन में शामिल किसानों ने कहा कि यह सिर्फ एक किसान का मामला नहीं है, बल्कि पूरे पंजाब में Loan के बदले में जमीनें और मकान नीलाम किए जा रहे हैं।
“सरकारें बड़े मंचों से किसानों की कर्जमाफी की बात करती हैं, लेकिन ज़मीनी हकीकत यह है कि कर्ज में डूबे किसान आत्महत्या कर रहे हैं या फिर उनकी जमीनें कुर्क की जा रही हैं।”
सरकारी दावों के उलट जारी है कुर्की प्रक्रिया
किसान संगठनों ने सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया है। उनके अनुसार:
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पंजाब में Debt Relief Policy की सिर्फ घोषणाएं होती हैं, अमल ज़मीन पर नहीं होता।
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कर्ज़ के चलते किसानों की आत्महत्या और ज़मीनों की कुर्की का सिलसिला जारी है।
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किसान चाहते हैं कि सरकार Loan Recovery के मानवीय विकल्प बनाए और Private Lenders की मनमानी पर रोक लगाए।
आंदोलन की चेतावनी
किसान नेताओं ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही:
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कुर्की का नोटिस वापस नहीं लिया गया,
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और किसानों को राहत नहीं दी गई,
तो वे जिला स्तर पर बड़ा आंदोलन करेंगे और सरकारी कार्यालयों का घेराव भी किया जाएगा।