
चंडीगढ़/मोहाली:
शिरोमणि अकाली दल (SAD) के वरिष्ठ नेता और पंजाब सरकार में पूर्व मंत्री Bikram Singh Majithia को विजिलेंस ब्यूरो ने Disproportionate Assets Case में गिरफ्तार कर लिया है। बुधवार और गुरुवार की दरम्यानी रात मजीठिया ने Vigilance Office में ही बिताई, जहां उनसे देर रात उनके वकीलों ने मुलाकात की। आज उन्हें Mohali Court में पेश किया गया, जहां उनके समर्थकों की भारी भीड़ देखी गई।
गुरुवार सुबह से ही मोहाली कोर्ट के बाहर सुरक्षा के सख्त इंतजाम किए गए थे। पेशी से पहले ही पुलिस ने रास्ते बंद कर दिए, बैरिकेडिंग लगाई और आम लोगों की एंट्री पर रोक लगा दी।
वकील बोले– SC ने रिपोर्ट को पहले ही किया था खारिज
Advocate Arshdeep Singh Kaler, जो SAD के सीनियर लीडर भी हैं, ने बताया कि मजीठिया की तबीयत ठीक है और उन्हें किसी प्रकार की यातना नहीं दी गई। उन्होंने बताया कि जिस विजिलेंस रिपोर्ट को आधार बनाकर यह केस दर्ज किया गया है, उसे सुप्रीम कोर्ट पहले ही खारिज कर चुका है।
कलेर ने बताया कि मंगलवार रात 10:40 बजे विजिलेंस को रिपोर्ट सौंपी गई और महज छह घंटे बाद, बुधवार सुबह 4:40 बजे FIR दर्ज कर दी गई। उन्होंने यह भी कहा कि मजीठिया हाल ही में मुख्यमंत्री Bhagwant Mann के स्वास्थ्य को लेकर बयान दे चुके हैं और यह गिरफ्तारी उसी का राजनीतिक बदला हो सकती है।
उन्होंने साफ किया कि विजिलेंस विभाग आय से अधिक संपत्ति की जांच करता है, जबकि नशे के मामलों की जांच Narcotics Control Bureau (NCB) के अधिकार क्षेत्र में आती है।
केस की पृष्ठभूमि
Punjab Vigilance Bureau के अनुसार, मजीठिया पर दर्ज केस की नींव 2021 में दर्ज NDPS Act Case पर रखी गई है। रिपोर्ट के अनुसार, मजीठिया ने अपनी आय से कई गुना अधिक संपत्ति बनाई।
– उनके बैंक खातों में ₹161 करोड़ की राशि पाई गई।
– विदेशी कंपनियों से ₹141 करोड़ के ट्रांजैक्शन की जानकारी मिली।
– कंपनी के खातों में बिना जानकारी के ₹236 करोड़ की राशि दर्ज मिली।
विजिलेंस अधिकारियों ने मजीठिया के आवास से तलाशी के दौरान 30 मोबाइल फोन, 5 लैपटॉप, 3 iPads, 2 desktops और कई प्रॉपर्टी डॉक्युमेंट्स बरामद किए हैं।
विपक्ष का आरोप– बदले की कार्रवाई
इस पूरे घटनाक्रम ने राजनीतिक मोड़ ले लिया है। SAD समेत अन्य विपक्षी दलों ने मजीठिया की गिरफ्तारी को Political Vendetta करार दिया है। उनका कहना है कि सरकार विपक्ष की आवाज को दबाने के लिए एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है।
मजीठिया की पेशी और जांच की अगली दिशा
विजिलेंस टीम ने कहा है कि मजीठिया से पूछताछ के लिए और समय की जरूरत है, इसलिए उनकी कस्टडी रिमांड मांगी जाएगी।
SAD नेताओं और वकीलों का दावा है कि सरकार के पास मजीठिया के खिलाफ कोई पुख्ता सबूत नहीं है। NDPS केस में अब तक कोई chargesheet दाखिल नहीं हुई है।
निष्कर्ष
बिक्रम सिंह मजीठिया की गिरफ्तारी ने पंजाब की राजनीति में एक बार फिर हलचल मचा दी है। केस की कानूनी वैधता पर सवाल उठाए जा रहे हैं, वहीं सरकार इसे War Against Drugs की कार्रवाई बता रही है।
आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि मजीठिया पर लगे आरोपों को कोर्ट में कितना ठोस आधार मिल पाता है, और क्या यह केस पंजाब की राजनीति की दिशा बदलने में भूमिका निभाएगा।