
जालंधर के मॉडल टाउन क्षेत्र में Surface Water Project के तहत बिछाई जा रही Drinking Water Pipeline का काम बीते 15 दिनों से पूरी तरह से ठप पड़ा है। इस काम के रुकने का मुख्य कारण है—pipeline coupling और sealant जैसे जरूरी उपकरणों की अनुपलब्धता। मानसून की शुरुआत के बीच अधूरे पड़े कार्य ने इलाके में कीचड़ और जाम की स्थिति पैदा कर दी है, जिससे आम लोग बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं।
पाइपलाइन रूट बदला, गुजरात से आएंगे नए कपलिंग
सूत्रों के अनुसार, pipeline route में हाल ही में बदलाव किया गया है। पहले जो उपकरण मंगवाए गए थे, वे नए रूट के लिए फिट नहीं बैठते, इसलिए अब नए alignment के अनुरूप coupling equipment गुजरात से मंगवाए जा रहे हैं। इनकी आपूर्ति में एक सप्ताह का समय लग सकता है। जब तक यह जरूरी सामान नहीं पहुंचता, तब तक काम शुरू नहीं हो सकता।
सड़कों पर फैले पाइप, हादसों का खतरा
स्थानीय पार्षद हरशरण कौर हैप्पी ने काम की धीमी गति और अनियमितता को लेकर मेयर से शिकायत भी की है। उनका कहना है कि एजेंसी ने पाइपलाइन बिछाने के बाद सड़कों को पूरी तरह से क्षतिग्रस्त कर दिया है, लेकिन मरम्मत के कोई ठोस प्रयास नहीं किए गए हैं। इसके चलते सड़कों पर अब भी बेतरतीब पाइप पड़े हुए हैं, जो राहगीरों के लिए हादसे का कारण बन सकते हैं।
डेडलाइन सितंबर 2023 थी, अब दिसंबर तक मांगा एक्सटेंशन
इस प्रोजेक्ट को पूरा करने की डेडलाइन सितंबर 2023 निर्धारित की गई थी, लेकिन अब काम अधूरा है। एजेंसी ने इस परियोजना को 31 दिसंबर 2025 तक बढ़ाने की मांग की है, जिसके लिए मंजूरी चंडीगढ़ से ली जाएगी। यह मामला अब स्थानीय लोगों की नाराजगी का कारण बनता जा रहा है क्योंकि ट्रैफिक डायवर्जन के चलते रिहायशी इलाकों में भी अफरा-तफरी का माहौल बना रहता है।
अधिकारी बोले—जल्द आएगा सामान, काम फिर शुरू होगा
इस मामले में SDO संदीप शर्मा ने बताया कि “काम इसलिए रुका हुआ है क्योंकि नए alignment के लिए जरूरी coupling और sealant गुजरात से आ रहे हैं। उम्मीद है कि अगले हफ्ते तक सामान आ जाएगा, जिसके बाद पाइप बिछाने का काम दोबारा शुरू कर दिया जाएगा।”
स्थानीय लोगों की नाराजगी
स्थानीय निवासी और दुकानदार इस देरी से बेहद परेशान हैं। उनका कहना है कि काम की धीमी रफ्तार और सड़कों की हालत ने उनके रोजमर्रा के जीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। लोग चाहते हैं कि यह काम जल्द से जल्द पूरा हो, लेकिन बार-बार का रूट बदलाव और खराब प्लानिंग से स्थिति और खराब हो रही है।