पंजाब के अंडरवर्ल्ड और राजनीतिक हलकों में उस समय सनसनी फैल गई, जब गैंगस्टर जग्गू भगवानपुरिया की मां हरजीत कौर और ममेरा भांजा करणवीर सिंह की गुरदासपुर के बटाला में 27 जून की रात गोली मारकर हत्या कर दी गई। घटना को अंजाम बाइक सवार युवकों ने दिया जो मौके से फरार हो गए।
शुरुआत में सोशल मीडिया पर बंबीहा गैंग से जुड़े खातों से हत्या की जिम्मेदारी ली गई, लेकिन कुछ ही घंटों बाद एक नई पोस्ट में इस दावे से इनकार किया गया। इस पोस्ट में कहा गया कि “माताएं सबकी सांझी होती हैं, चाहे दुश्मन हो या दोस्त। इस हत्या से हम सहमत नहीं हैं।”
परिवार ने लगाया राजनीतिक हत्या का आरोप
मामले ने तब और तूल पकड़ लिया जब भगवानपुरिया की चाची राजविंदर कौर ने इस हत्या के पीछे पंजाब के कांग्रेस सांसद और पूर्व डिप्टी CM सुखजिंदर सिंह रंधावा का नाम लिया। उन्होंने आरोप लगाया कि रंधावा परिवार ने चुनावी और शराब के ठेके के टकराव के चलते हत्या करवाई।
राजविंदर ने बटाला पुलिस को दी गई शिकायत में दावा किया कि हरजीत कौर और करणवीर सिंह को रंधावा के इशारे पर निशाना बनाया गया। उन्होंने कहा कि उनके बेटे गगनदीप को भी धमकियां मिली थीं और जान के डर से विदेश भेजना पड़ा।
हत्या की साजिश: रेकी, धमकियां और कॉल डिटेल
शिकायत के अनुसार, हरजीत और करणवीर खडूर साहिब से लौट रहे थे जब उन्हें गोली मारी गई। कुछ दिन पहले गांव में संदिग्ध लोगों को रेकी करते हुए देखा गया था। राजविंदर कौर का दावा है कि घटना के बाद हमलावरों ने रंधावा परिवार को कॉल कर कहा – “काम कर दिया”।
बता दें कि हत्या के बाद सोशल मीडिया पर गोपी घनशंपुरिया ग्रुप के नाम से एक पोस्ट भी डाली गई जिसमें दावा किया गया कि “हमने करणवीर को मारकर गोरे बरियार की हत्या का बदला लिया है।”
पृष्ठभूमि: गैंगवार की पुरानी रंजिश
भगवानपुरिया और लॉरेंस बिश्नोई गैंग के बीच लंबे समय से गैंगवार चल रही है। सिद्धू मूसेवाला मर्डर केस के बाद भगवानपुरिया सुर्खियों में आया था। गोरे बरियार की हत्या मई 2025 में हुई थी, जिसकी जिम्मेदारी गोल्डी बराड़ ने ली थी।
फिलहाल, जग्गू भगवानपुरिया असम की जेल में बंद है और उसका नेटवर्क पंजाब, हरियाणा, दिल्ली समेत कई राज्यों तक फैला हुआ है।
पोस्टमार्टम के बाद शुरू होगी असल जांच
पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और कई संदिग्धों से पूछताछ भी शुरू हो चुकी है। घटनास्थल से सीसीटीवी फुटेज और मोबाइल कॉल डिटेल भी खंगाली जा रही है। सूत्रों के अनुसार, यह मामला गैंगवार, राजनीतिक रंजिश और पावर स्ट्रगल के तिकोने में उलझा हुआ है।