चंडीगढ़ — पंजाब सरकार ने जेलों में बढ़ती कैदी संख्या और सुरक्षा संबंधी चुनौतियों को देखते हुए एक व्यापक Jail Infrastructure Development Project की शुरुआत की है। इस परियोजना का उद्देश्य न सिर्फ जेलों की क्षमता को बढ़ाना है, बल्कि वहां की सुरक्षा व्यवस्था को भी अत्याधुनिक बनाना है। अगले 18 महीनों में यह प्रोजेक्ट पूरा किया जाना है, जिसकी निगरानी पुलिस विभाग नोडल एजेंसी के रूप में करेगा।
🔧 4 जेलों में बनेंगी डबल स्टोरी बैरकें
प्रोजेक्ट के पहले चरण में रोपड़, न्यू नाभा, मानसा और संगरूर जेल में Double-Story Barracks का निर्माण होगा। यह बैरकें पूरी तरह आधुनिक होंगी, जिनमें हर कैदी के लिए पर्याप्त स्थान और मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।
इन बैरकों को खास 6 Parameters पर तैयार किया जा रहा है:
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Overcrowding की समस्या को कम किया जाएगा।
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कैदियों के लिए Basic Living Needs सुनिश्चित की जाएंगी।
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CCTV Surveillance, Emergency Alarm, Automatic Locking जैसी Modern Security Facilities से लैस होंगी।
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Barracks के साथ Classroom, Workshop और Library की सुविधा होगी, ताकि कैदी Skill Development कर सकें।
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स्टाफ को प्रबंधन में सुविधा होगी, जिससे Jail Violence और Smuggling को कंट्रोल किया जा सकेगा।
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सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुरूप Dignified Living for Inmates सुनिश्चित किया जाएगा।
🔒 9 जेलों में कंटीली तारें और AI कैमरे
सिर्फ नई बैरकें ही नहीं, सरकार का फोकस जेलों की सुरक्षा को भी मजबूत करने पर है। इसके तहत होशियारपुर, कपूरथला, अमृतसर, गोइंदवाल साहिब, बठिंडा, फिरोजपुर, फरीदकोट, मुक्तसर साहिब और मानसा जेल की सुरक्षा व्यवस्था को अपग्रेड किया जाएगा।
यहां Barbed Wire Fencing, AI-Powered CCTV Cameras और Advanced Motion Sensors लगाए जाएंगे। AI कैमरे संदिग्ध गतिविधियों को पहचान कर अलर्ट देंगे, जिससे समय रहते रिस्पॉन्स किया जा सकेगा।
🧾 पिछले दिन ही 25 पुलिसकर्मी सस्पेंड हुए
गौरतलब है कि इस प्रोजेक्ट के एलान से ठीक एक दिन पहले पंजाब सरकार ने 25 Jail Officers को Corruption Charges में निलंबित किया था। यह दर्शाता है कि सरकार जेलों की व्यवस्था को लेकर कितनी गंभीर है। इसी क्रम में हाईकोर्ट द्वारा जेलों की स्थिति पर उठाए गए सवालों के बाद इस प्रोजेक्ट को Top Priority पर रखा गया है।
👥 जेलों में 30 हजार से अधिक कैदी, क्षमता से अधिक लोड
पंजाब की 27 जेलों में इस समय 30,000 से अधिक कैदी बंद हैं, जबकि इनकी अधिकतम क्षमता इससे कम है। War Against Drugs अभियान के कारण नशे से जुड़े अपराधों में भारी बढ़ोतरी हुई है, जिससे जेलों में भीड़भाड़ और बढ़ गई है।
एक NHRC Report (2023) के अनुसार, पंजाब की जेलों में बंद कैदियों में से 42% Drug Addicts हैं। इसके बाद सरकार ने काउंसलिंग और De-addiction पर विशेष जोर देना शुरू किया।
🎯 प्राइवेट एजेंसी को मिलेगा काम, 3 से 18 महीनों में पूरा होगा प्रोजेक्ट
इस प्रोजेक्ट का कार्यान्वयन एक Private Construction Agency को सौंपा जाएगा, जो तकनीकी विशेषज्ञता के साथ जेलों का निर्माण और सुरक्षा उपकरणों की स्थापना करेगी। सरकार का लक्ष्य है कि अगले तीन से 18 महीनों के भीतर इस योजना को पूरी तरह लागू कर दिया जाए।
🧩 समाज और व्यवस्था पर सकारात्मक असर की उम्मीद
नई बैरकों और सिक्योरिटी सिस्टम से न सिर्फ कैदियों को बेहतर रहने की सुविधा मिलेगी, बल्कि जेल प्रशासन को भी Law and Order संभालने में आसानी होगी। साथ ही, यह सुधार नशे के खिलाफ चल रही सरकारी मुहिम को भी मजबूत बनाएगा। यह मॉडल आगे चलकर देश के अन्य राज्यों के लिए Ideal Prison Reform Framework बन सकता है।