प्रधानमंत्री ने कहा कि यह देश के बचाव और राहत दलों की तैयारियों का प्रतिबिंब है। श्री मोदी तुर्की और सीरिया में ऑपरेशन दोस्त के तहत शामिल कर्मियों के साथ बातचीत कर रहे थे। श्री मोदी ने कहा कि भारत पूरी दुनिया को एक परिवार के रूप में मानता है क्योंकि वसुधैव कुटुम्बकम उसकी संस्कृति है और जब परिवार का कोई सदस्य संकट में पड़ता है तो उसकी मदद करना भारत का कर्तव्य है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कोई भी देश संकट में क्यों न हो और अगर बात मानवता और संवेदनशीलता से जुड़ी हो तो भारत मानव हित को सर्वोपरि रखता है।
बातचीत के दौरान, प्रधान मंत्री मोदी ने ऑपरेशन दोस्त के तहत बचाव और राहत उपायों में शामिल पूरी टीम के प्रयासों को अनुकरणीय बताया। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन दोस्त मानवता के प्रति भारत के समर्पण और संकट में राष्ट्रों के साथ खड़े होने की प्रतिबद्धता का एक उदाहरण है। उन्होंने कहा कि भारत हमेशा दुनिया के किसी भी हिस्से में किसी भी आपदा के लिए सबसे पहले प्रतिक्रिया देने वाला देश रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि जब कोई अपनी मदद कर सकता है तो उसे हम आत्मनिर्भर कहते हैं लेकिन जब मदद स्वेच्छा से की जाती है तो वह निःस्वार्थ होती है। उन्होंने कहा कि भारत पिछले कुछ वर्षों के दौरान न केवल आत्मनिर्भर बना है बल्कि खुद को एक निस्वार्थ राष्ट्र के रूप में भी स्थापित किया है।
उन्होंने कहा कि जहां भी भारतीय टीम तिरंगे के साथ पहुंचती है, आश्वासन मिलता है कि अब भारतीय टीमें आ गई हैं और स्थिति बेहतर होने लगेगी और यूक्रेन में तिरंगे की भूमिका देखी गई। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन गंगा आत्मनिर्भरता का एक उदाहरण है क्योंकि हम यूक्रेन से अपने छात्रों के साथ-साथ अन्य विदेशी नागरिकों को बचाने में सक्षम थे। हमने अभूतपूर्व स्थिति में अफगानिस्तान से भी लोगों को बचाया और अपने नागरिकों को सुरक्षित घर पहुंचाया।