बरनाला (पंजाब):
पंजाब के बरनाला जिले में एक दर्दनाक हादसे ने पूरे गांव को गहरे सदमे में डाल दिया। महलकलां हलके के गांव मूंम में मंगलवार तड़के आग लगने से एक दंपती की मौत हो गई। जगरूप सिंह और उनकी पत्नी अंग्रेज कौर की जिंदा जलकर मौत हो गई, जबकि उनका 10 वर्षीय बेटा चमत्कारिक रूप से सुरक्षित है।
यह हादसा तड़के करीब 3 बजे हुआ, जब पूरा परिवार नींद में था। आग लगने की वजह Electric Short Circuit बताई जा रही है। पुलिस और प्रशासन मौके पर पहुंच चुके हैं और मामले की जांच शुरू कर दी गई है।
🔥 तेज बारिश के बाद कमरे में सोने गए, तभी हुआ हादसा
परिवार के अनुसार, सोमवार रात गर्मी के कारण जगरूप और उनकी पत्नी घर के बाहर सो रहे थे।
रात करीब 3 बजे अचानक तेज बारिश शुरू हुई, जिससे बचने के लिए दोनों कमरे में चले गए। कुछ ही देर बाद उस कमरे में आग लग गई, जो देखते ही देखते विकराल हो गई।
बताया जा रहा है कि आग इतनी तेजी से फैली कि दंपती के पास बाहर निकलने का मौका नहीं मिला।
जगरूप सिंह की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि अंग्रेज कौर गंभीर रूप से झुलस गईं। उन्हें तुरंत बरनाला के सिविल अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने प्राथमिक इलाज के बाद फरीदकोट रेफर कर दिया। लेकिन वहां पहुंचने से पहले ही उनकी भी मौत हो गई।
👦 10 साल का बेटा बचा, क्योंकि वह चाचा के घर सोया था
इस हृदय विदारक घटना के समय दंपती का 10 वर्षीय बेटा अपने चाचा के घर सो रहा था। यही वजह रही कि वह हादसे से पूरी तरह बच गया। बच्चे को एक खरोंच तक नहीं आई।
दंपती के साथ घर में उनके पिता लाभ सिंह भी रहते हैं, जो उस वक्त अपने छोटे बेटे के घर पर सो रहे थे। घटना की जानकारी मिलते ही गांव के लोग और परिजन मौके पर पहुंचे और आग बुझाने में मदद की।
🚓 पुलिस की प्रारंभिक जांच: शॉर्ट सर्किट से लगी आग
SHO किरणजीत कौर ने बताया कि शुरुआती जांच में आग लगने की वजह बिजली का शॉर्ट सर्किट मानी जा रही है।
फोरेंसिक टीम को भी बुलाया गया है ताकि घटना के तकनीकी कारणों की पुष्टि हो सके। फिलहाल धारा 174 CrPC के तहत केस दर्ज कर लिया गया है।
🏠 गांव में पसरा मातम, प्रशासन से मुआवजे की मांग
इस हृदय विदारक घटना के बाद गांव मूंम में मातम छा गया है। ग्रामीणों ने प्रशासन से पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता देने की मांग की है।
ग्रामीणों का कहना है कि जगरूप एक मेहनती किसान थे और उनका बेटा अब पूरी तरह अकेला हो गया है।
📌 परिवार की स्थिति: बेटा और बुजुर्ग पिता ही बचे
मृतक जगरूप सिंह का परिवार अब सिर्फ 10 वर्षीय बेटा और बुजुर्ग पिता तक सीमित रह गया है।
गांव के सरपंच और पंचायत सदस्य प्रशासन से सरकारी सहायता, मुआवजा और बच्चे की देखरेख के लिए सहायता की मांग कर रहे हैं।
🧯 आग से सुरक्षा को लेकर सवाल
इस घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि ग्रामीण इलाकों में Electrical Safety को लेकर कितनी लापरवाही बरती जा रही है। घरों में वायरिंग, स्विच, और उपकरणों की समय-समय पर जांच जरूरी है, जिससे इस प्रकार के हादसों से बचा जा सके।