
शुभमन गिल की शिकायत और दिलीप जगजोडिया का जवाब – ड्यूक्स बॉल विवाद पर खुलासा
भारत और इंग्लैंड के बीच चल रही 5 मैचों की टेस्ट सीरीज में Dukes Ball की क्वालिटी पर बहस छिड़ गई है। दोनों टेस्ट मैचों के दौरान कप्तानों ने अंपायर्स से गेंद जल्दी नरम होने की शिकायत की। भारत के कप्तान शुभमन गिल ने भी माना कि गेंदबाजों के लिए ये हालात चुनौतीपूर्ण हैं।
🧾 शुभमन गिल बोले – “गेंद जल्दी शेप खो देती है”
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“गेंद बहुत जल्दी नरम हो जाती है, जिससे गेंदबाजी करना और विकेट लेना मुश्किल हो जाता है। विकेट में कुछ खास मदद नहीं है और गेंद जल्दी शेप खो देती है।”
इस बयान के बाद क्रिकेट जगत में फिर से Dukes Ball vs Pitch Conditions vs Match Result पर चर्चा शुरू हो गई।
🧑🏭 Dukes Ball Manufacturer दिलीप जगजोडिया ने क्या कहा?
इंडियन एक्सप्रेस ने जब इस मामले पर ड्यूक्स बॉल बनाने वाले दिलीप जगजोडिया से सीधा सवाल किया, तो उन्होंने खुलकर बात की।
❓ Q: क्या गेंद जल्दी खराब हो रही है?
A: “हर गेंद को 80 ओवर तक चलना होता है, लेकिन आज के क्रिकेट में खिलाड़ी जल्दी रिजल्ट चाहते हैं। अगर 30 ओवर में विकेट नहीं मिले तो नई गेंद मांग लेते हैं। फिर भी इस सीरीज में तो 20 विकेट लिए गए हैं, पांच दिन का मैच हुआ है – इससे ज्यादा क्या चाहिए?”
❓ Q: गेंद की क्वालिटी पर सवाल सही हैं?
A: “न केवल ड्यूक्स, SG और कूकाबुरा बॉल्स की भी आलोचना होती रहती है। ये नेचुरल मैटेरियल से बनती हैं, 100% परफेक्ट नहीं हो सकतीं। आज बैट्समैन ताकतवर हैं, बल्ले भारी हैं – गेंदों को मार ज़्यादा पड़ती है।”
❓ Q: क्या हर गेंद मशीन से बनती है?
A: “नहीं। ड्यूक्स बॉल्स हाथों से बनाई जाती हैं। मैं खुद हर गेंद को सेलेक्ट करता हूं। ये कारीगरी है, मशीन नहीं। इसलिए थोड़ी-बहुत variation हो सकती है।”
❓ Q: पिच और मौसम का क्या असर?
A: “इस बार इंग्लैंड में गर्मी ज़्यादा है, पिचें सूखी और कवर में थीं – यानी नमी कम है। ऐसे में रन बनाना आसान और गेंदबाज़ी मुश्किल हो जाती है। लोग कहते हैं मैच 5 दिन चले तो बोरिंग, ढाई दिन में खत्म हो तो बॉल दोषी!”
❓ Q: सॉफ्ट और हार्ड बॉल में संतुलन कैसे रखते हैं?
A: “अगर बहुत हार्ड बॉल बनाएंगे तो बैट्स टूटेंगे। नियम के मुताबिक बॉल को 80 ओवर तक धीरे-धीरे खराब होना चाहिए। अगर कोई गेंद 20 ओवर में खराब हो जाए तो उसकी जांच होती है, लेकिन हर बार ये बॉल की गलती नहीं।”
🧩 निष्कर्ष: खिलाड़ियों की ताकत vs बॉल की ताकत?
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शुभमन गिल और अन्य खिलाड़ियों की चिंता वाजिब है, लेकिन दिलीप जगजोडिया ने manufacturing transparency और खेल के बदलते स्वरूप की बात करते हुए इसे प्राकृतिक प्रक्रिया बताया है।
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बल्लेबाज़ आज भारी बल्ले लेकर मैदान में आते हैं और गेंद को हर दिशा में मारते हैं। ऐसे में गेंद का जल्दी नरम होना स्वाभाविक हो सकता है।