
पंजाब की स्टार एथलीट जैस्मीन कौर डोप टेस्ट में फेल — गोल्ड मेडल जीतने के बाद अब सस्पेंशन का सामना, NADA ने की कार्रवाई
पंजाब की गोल्ड मेडल विजेता शॉटपुट एथलीट Jasmine Kaur इस समय विवादों में घिर गई हैं।
National Anti Doping Agency (NADA) ने जैस्मीन को डोपिंग में फेल होने के बाद अस्थायी रूप से निलंबित (provisionally suspended) कर दिया है।
यह खबर भारतीय खेल जगत में झटका देने वाली है, क्योंकि जैस्मीन ने हाल ही में देहरादून में आयोजित राष्ट्रीय खेलों (National Games) में गोल्ड मेडल जीता था।
🧪 क्या है पूरा मामला?
-
एथलीट का नाम: जैस्मीन कौर
-
उम्र: 22 वर्ष
-
खेल: शॉटपुट (Shot Put)
-
राज्य: पंजाब
-
प्रतियोगिता: 2025 के प्रारंभ में देहरादून में आयोजित राष्ट्रीय खेल
-
उपलब्धि: गोल्ड मेडल विजेता
-
डोप टेस्ट रिपोर्ट: Positive for Terbutaline
❗Terbutaline क्या है?
टरबुटालाइन (Terbutaline) एक ऐसा पदार्थ है जो bronchodilator होता है, यानी यह सांस की दिक्कतों और अस्थमा जैसी बीमारियों में काम आता है।
-
यह कई कफ सिरप और इनहेलर में पाया जाता है
-
लेकिन World Anti-Doping Agency (WADA) की सूची में यह प्रतिबंधित पदार्थ (Prohibited Substance) है
-
खिलाड़ियों को इसे लेने से पहले Therapeutic Use Exemption (TUE) लेना जरूरी होता है
📌 जैस्मीन पर आरोप है कि उन्होंने बिना TUE के Terbutaline लिया, जिससे उनका डोप टेस्ट पॉजिटिव आ गया।
🚫 NADA ने क्यों किया सस्पेंड?
NADA (राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी) का स्पष्ट नियम है कि
“अगर कोई खिलाड़ी प्रतिबंधित दवा लेता है और उसका खुलासा नहीं करता, तो उस पर तत्काल प्रभाव से अस्थायी निलंबन लगाया जाएगा।”
इसी आधार पर NADA ने
-
जैस्मीन कौर को निलंबित कर दिया
-
उन्हें डोपिंग सुनवाई पैनल के सामने पेश होना होगा
-
यदि दोषी साबित होती हैं, तो उन पर 2 से 4 साल का प्रतिबंध भी लग सकता है
🗣️ एथलीट और कोच की प्रतिक्रिया?
अभी तक जैस्मीन या उनके कोच की ओर से कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है।
सूत्रों के अनुसार, जैस्मीन ने बताया कि
“मैंने कोई performance enhancing drug नहीं ली। जो दवा मैंने ली थी, वह सामान्य सर्दी और खांसी के लिए थी।”
यह दलील सही साबित होती है या नहीं, यह TUE दस्तावेज़ की उपलब्धता और सुनवाई पर निर्भर करेगा।
🇮🇳 भारतीय खेल जगत में फिर एक धब्बा?
हाल के वर्षों में भारत के कई खिलाड़ियों का डोपिंग में पकड़ा जाना एक गंभीर चिंता का विषय बन गया है:
-
2023 में वेटलिफ्टिंग और कुश्ती में कई खिलाड़ी डोपिंग के कारण निलंबित हुए
-
2024 में एक अंतरराष्ट्रीय तीरंदाज भी डोपिंग में फंसी थी
-
अब जैस्मीन कौर का नाम भी इस लिस्ट में जुड़ गया है
यह भारत की “क्लीन स्पोर्ट” इमेज को नुकसान पहुंचा सकता है, खासकर ओलंपिक जैसे इंटरनेशनल प्लेटफॉर्म्स पर।
📉 जैस्मीन की उपलब्धियां और भविष्य पर असर
जैस्मीन कौर ने पंजाब की ओर से खेलते हुए
-
राष्ट्रीय स्तर पर कई मेडल जीते हैं
-
युवा खिलाड़ियों में उन्हें रोल मॉडल माना जाता रहा है
-
अब डोपिंग का यह मामला उनके करियर को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है
यदि दोष साबित होता है तो
-
उन्हें सभी मेडल लौटाने पड़ सकते हैं
-
प्रतियोगिता में भाग लेने पर बैन भी लग सकता है
-
स्पॉन्सरशिप और सरकारी सम्मान भी रद्द किए जा सकते हैं
🤔 डोपिंग पर क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
खेल विशेषज्ञों और सीनियर कोचेज़ का मानना है:
“कई बार खिलाड़ी अनजाने में प्रतिबंधित दवाएं ले लेते हैं। लेकिन एथलीट और उनके कोच को डोपिंग नियमों की पूरी जानकारी होनी चाहिए। हर दवा को बिना डॉक्टर की सलाह के लेना खतरनाक हो सकता है।”
🔎 आगे क्या?
-
NADA की ओर से जैस्मीन को नोटिस भेजा जा चुका है
-
उन्हें 7 से 14 दिनों के भीतर अपना पक्ष रखने का मौका मिलेगा
-
सुनवाई के बाद ही यह तय होगा कि उन पर कितने समय का प्रतिबंध लगाया जाएगा या नहीं
📝 निष्कर्ष (Conclusion)
जैस्मीन कौर का डोप टेस्ट में फेल होना केवल एक व्यक्तिगत मामला नहीं,
बल्कि यह दर्शाता है कि भारत में अभी भी डोपिंग के प्रति जागरूकता और शिक्षा की कमी है।
अगर यह गलती अनजाने में हुई है, तो खिलाड़ियों को शिक्षित करना जरूरी है।
लेकिन अगर जानबूझकर नियम तोड़े गए हैं, तो सख्त कार्रवाई होनी चाहिए ताकि खेलों में पारदर्शिता बनी रहे।