
हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले में शुक्रवार सुबह जोरदार भूकंप के झटके महसूस किए गए। यह झटके सुबह 6 बजकर 23 मिनट पर आए। इस दौरान लोग डरकर अपने घरों से बाहर निकल आए। भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 3.5 मापी गई। इसका केंद्र जमीन के अंदर करीब 5 किलोमीटर की गहराई में था।
क्यों आते हैं भूकंप?
भूकंप धरती के अंदर होने वाली हलचलों की वजह से आता है। हमारी धरती के नीचे 7 टेक्टोनिक प्लेट्स होती हैं। ये प्लेट्स धीरे-धीरे अपनी जगह से खिसकती रहती हैं।
कभी-कभी ये प्लेट्स आपस में टकरा जाती हैं या रगड़ खाती हैं। जब टकराव या दबाव ज्यादा हो जाता है, तो धरती की सतह हिलने लगती है। इसी को हम भूकंप कहते हैं। भूकंप आने से घर और इमारतें गिर सकती हैं और लोगों की जान-माल का नुकसान हो सकता है।
भारत में भूकंप के खतरे वाले इलाके
वैज्ञानिकों के मुताबिक भारत का करीब 59% हिस्सा भूकंप के लिहाज से खतरे में आता है।
भारत को भूकंप के खतरे के हिसाब से चार जोन में बांटा गया है —
जोन-2:
यह सबसे कम खतरे वाला क्षेत्र है।
जोन-3:
यह मध्यम खतरे वाला क्षेत्र है।
जोन-4:
यह ज्यादा खतरे वाला क्षेत्र है। दिल्ली इसी जोन में आती है। यहां बड़ा भूकंप आने की संभावना रहती है।
जोन-5:
यह सबसे ज्यादा खतरे वाला क्षेत्र है। यहां बड़े भूकंप से भारी तबाही हो सकती है। भारत में हिमालय क्षेत्र, कच्छ का इलाका और पूर्वोत्तर राज्य भूकंप के लिहाज से सबसे संवेदनशील माने जाते हैं, क्योंकि यहां भारतीय प्लेट और यूरेशियन प्लेट आपस में टकराती हैं।
रिक्टर स्केल और भूकंप की तीव्रता
भूकंप की ताकत मापने के लिए रिक्टर स्केल का इस्तेमाल होता है। इस पर जितनी ज्यादा संख्या होती है, भूकंप उतना ही ज्यादा खतरनाक होता है।
भूकंप की तीव्रता और असर:
- 4.0 – 4.9: घर का सामान अपनी जगह से गिर सकता है।
- 5.0 – 5.9: भारी फर्नीचर हिल सकता है।
- 6.0 – 6.9: इमारतों में दरारें आ सकती हैं।
- 7.0 – 7.9: इमारतें गिर सकती हैं।
- 8.0 – 8.9: सुनामी का खतरा हो सकता है और बहुत तबाही मच सकती है।
- 9.0 या ज्यादा: सबसे भीषण तबाही होती है।