राजस्थान के चूरू में हुए जगुआर फाइटर जेट क्रैश हादसे में शहीद हुए हरियाणा के रोहतक के स्क्वॉड्रन लीडर लोकेंद्र सिंह सिंधु (32) का सपना शुरू से ही फौज में जाने का था। उनके दादा बलवान सिंह सिंधु आर्मी में हवलदार रहे चुके हैं, जबकि बहन अंशी भी एयरफोर्स में रह चुकी हैं। परिवार में हमेशा से ही देश सेवा करने का माहौल मिला तो लोकेंद्र ने भी सेना में जाने का रास्ता चुना।
जब पहली बार NDA का फॉर्म भरा तो दादा ने ब्रिगेडियर से मुलाकात कराकर उनका हौसला मजबूत किया। यही वजह थी कि लोकेंद्र ने पहले ही अटेंप्ट में सफलता पाई और एयरफोर्स को चुना। लोकेंद्र को फाइटर जेट उड़ाने में महारत हासिल थी।
परिजन बताते हैं कि एक बार जगुआर उड़ाते वक्त उनके साथ हादसा हो गया था। मगर, उस वक्त मौत को मात देते हुए लोकेंद्र ने फाइटर जेट को सुरक्षित लैंड कराया था। भाई ज्ञानेंद्र सिंधु के मुताबिक, इस हादसे के बाद परिजन उससे मिलने गए थे। उस वक्त लोकेंद्र ने बताया था कि जगुआर में एक कमी यही बताई जा रही है कि जब वह 500 फुट से नीचे आ जाता है तो उसे टेकऑफ करना मुश्किल होता है।
राजस्थान में हुए हादसे में भी लोकेंद्र ने भानुदा विदावतान और भानुदा चारनान के 1200 परिवारों को बचा लिया। अगर फाइटर जेट इन दोनों गांवों पर गिरता तो ज्यादा लोग हताहत होते। लोकेंद्र और उनके को-पायलट ऋषिराज ने आखिरी वक्त तक प्लेन को गांव पर क्रैश नहीं होने दिया।
शहीद लोकेंद्र सिंह सिंधु की जिंदगी से जुड़ी पूरी कहानी….
1992 में हुआ जन्म, 2015 में पायलट के तौर पर कमीशन प्राप्त: लोकेंद्र सिंधु का जन्म 9 नवंबर 1992 को जोगेंद्र सिंधु के घर हुआ। लोकेंद्र के दादा आर्मी एजुकेशन में हवलदार रहे चुके हैं। आर्मी के बाद एक्साइज टेक्सेशन ऑफिसर पद से रिटायर हुए हैं। 2010 में 12वीं कक्षा पास करने के साथ ही नेशनल डिफेंस एकेडमी (NDA) की परीक्षा दी। पहले ही प्रयास में परीक्षा पास करते हुए सेलेक्ट हो गए। 3 साल NDA की ट्रेनिंग की और एक साल बेंगलुरु में ट्रेनिंग करने के बाद 2015 में पायलट के तौर पर कमीशन प्राप्त हुआ। 2024 में ही लोकेंद्र की पोस्टिंग राजस्थान के सूरतगढ़ में हुई थी।
2020 में हुई शादी, एक माह पहले ही बेटे का हुआ जन्म: लोकेंद्र सिंधु की शादी डॉ. सुरभि के साथ 25 नवंबर 2020 को हुई थी। वे 1 जून को एक महीने की छुट्टी पर आए थे। इसी दौरान उसकी मां अनीता देवी की रिटायरमेंट भी थी और 10 जून को लोकेंद्र की पत्नी सुरभि की डिलीवरी भी। रिटायरमेंट पार्टी के बाद बेटा होने की खुशी से पूरा घर महक रहा था। लोकेंद्र के ड्यूटी जॉइन करने से 10 दिन पहले यानी 1 जुलाई को ही बेटे का कार्यक्रम भी था। इसमें पूरे परिवार ने जश्न मनाया था।
9 जुलाई 2025 की दोपहर मिली मनहूस खबर: लोकेंद्र सिंधु के भाई ज्ञानेंद्र सिंधु ने बताया कि हादसे की सूचना परिवार को दोपहर करीब ढाई बजे मिली। इसमें बताया गया कि लोकेंद्र बुधवार को एयरफोर्स का प्लेन जगुआर लेकर राजस्थान के चुरु क्षेत्र में को-पायलट ऋषिराज सिंह देवड़ा को ट्रेनिंग दे रहे थे। इसी दौरान प्लेट में कुछ तकनीकी खराबी हुई, जिसके प्लेन क्रैश हो गया और इस हादसे में लोकेंद्र सिंधु और को-पायलट दोनों शहीद हो गए। यह सूचना मिलते ही परिवार में छाई खुशियां मातम में बदल गईं।