
नई दिल्ली। भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने इसके पीछे अपना स्वास्थ्य कारण बताया। धनखड़ ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को एक पत्र लिखा और कहा कि वह अपनी सेहत का ध्यान रखने और डॉक्टरों की सलाह मानने के लिए यह कदम उठा रहे हैं। उनका इस्तीफा तुरंत प्रभाव से लागू हो गया है।
राष्ट्रपति को भेजे पत्र में क्या लिखा?
राष्ट्रपति को भेजे अपने इस्तीफे में जगदीप धनखड़ ने लिखा “स्वास्थ्य देखभाल को प्राथमिकता देने और चिकित्सा सलाह का पालन करने के लिए, मैं संविधान के अनुच्छेद 67 (ए) के तहत तत्काल प्रभाव से भारत के उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा देता हूं।” इसमें उन्होंने साफ कहा कि उनकी प्राथमिकता अब अपना स्वास्थ्य है और इसी वजह से वह उपराष्ट्रपति के दायित्व से मुक्त होना चाहते हैं।
अपने कार्यकाल को बताया गौरवपूर्ण
धनखड़ ने पत्र में यह भी लिखा कि उपराष्ट्रपति के तौर पर उन्होंने भारत की जबरदस्त आर्थिक प्रगति और अभूतपूर्व विकास को करीब से देखा और उसका हिस्सा बने। उन्होंने कहा कि यह उनके लिए सौभाग्य और संतोष की बात रही कि वह इस ऐतिहासिक और बदलाव भरे दौर में देश की सेवा कर सके।
सेवा करने को बताया सम्मान
अपने संदेश में उन्होंने यह भी कहा कि भारत के इतिहास के इस महत्वपूर्ण समय में देश की सेवा करना उनके लिए एक सच्चा सम्मान रहा।
सीने में दर्द के चलते अस्पताल में हुए थे भर्ती
बता दें कि जगदीप धनखड़ को 9 मार्च 2025 को सीने में दर्द और असहजता की शिकायत के बाद दिल्ली के AIIMS में कार्डियक विभाग के क्रिटिकल केयर यूनिट (CCU) में भर्ती कराया गया था। तब उनकी स्थिति स्थिर बताई गई थी। 12 मार्च को उन्हें अस्पताल से छुट्टी मिली थी।
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल भी रह चुके हैं जगदीप धनखड़
उपराष्ट्रपति बनने से पहले जगदीप धनखड़ पश्चिम बंगाल के राज्यपाल थे। धनखड़ को 30 जुलाई 2019 को पश्चिम बंगाल का 29वां राज्यपाल नियुक्त किया गया था। इससे पहले वे एक अनुभवी वकील और राजस्थान से सांसद और विधायक भी रह चुके थे।