
पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने ड्यूटी में लापरवाही बरतने वाले डॉक्टरों को सख्त चेतावनी दी है। खन्ना के सरकारी अस्पताल में नवजात बच्ची की मौत के मामले में गायनिकोलॉजिस्ट डॉ. कविता शर्मा को सस्पेंड करने के बाद डॉ. बलबीर सिंह ने राज्य के बाकी कर्मचारियों को भी सख्त लहजे में चेताया है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि अगर सरकारी नौकरी करनी है तो ईमानदारी से करनी होगी। उन्होंने सरकारी डॉक्टरों से कहा कि अगर उन्हें प्राइवेट प्रैक्टिस करनी है तो वे अपनी नौकरी से इस्तीफा दे दें।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान और पार्टी सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल जी की सोच के अनुसार किसी भी प्रकार के भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, चाहे वह भ्रष्टाचार आर्थिक हो या नैतिक। उन्होंने डॉक्टरों को लगन और लोगों के प्रति सहानुभूति के साथ काम करने की हिदायत दी। उन्होंने कहा कि हमारे पास अधिकतर डॉक्टर ऐसे हैं जिन्होंने कोविड के दौरान अपनी जान की परवाह किए बिना लोगों की सेवा की। सभी बहुत ही मेहनत और ईमानदारी से काम कर रहे हैं। लेकिन 1-2 प्रतिशत डॉक्टर ऐसे भी हैं जो अपनी ड्यूटी में गंभीर लापरवाही बरत रहे हैं, जिसे बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
बता दें कि खन्ना के सिविल अस्पताल में एक गर्भवती महिला को समय पर इलाज न मिलने के कारण एक नवजात बच्ची की मौत हो गई थी। बताया जा रहा है कि डॉ. कविता ड्यूटी पर होने के बावजूद बिना सूचना दिए अस्पताल से चली गई थीं। इमरजेंसी में SMO ने खुद फोन कर उन्हें अस्पताल आने को कहा, लेकिन वह नहीं आईं। इस कारण नवजात बच्ची की मौत हो गई। SMO ने खुद ऑपरेशन करके मां की जान बचाई। इस मामले में कार्रवाई करते हुए स्वास्थ्य मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने सिविल अस्पताल खन्ना पहुंचकर डॉ. कविता शर्मा को सस्पेंड कर दिया और उनके लाइसेंस को रद्द करने तथा केस दर्ज करवाने की बात भी कही है।