
बिहार डेस्क। राजद नेता तेजस्वी यादव ने इस मुद्दे पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की और बड़ी जानकारी दी। उन्होंने कहा “मेरा खुद का नाम वोटर लिस्ट में नहीं है।” SIR प्रक्रिया को लेकर कहीं भी पारदर्शिता नहीं रखी गई। राजनीतिक दलों को जानकारी दिए बिना ही चुनाव आयोग ने यह काम शुरू कर दिया। तेजस्वी ने यह भी आरोप लगाए कि प्रक्रिया के दौरान दस्तावेज़, समय और पलायन को लेकर कई विवाद हुए। विपक्ष की मांगों पर चुनाव आयोग ने कोई कार्रवाई नहीं की। यहां तक कि सुप्रीम कोर्ट के सुझाव को भी नजरअंदाज कर दिया गया। उन्हें डर है कि गरीब और प्रवासी लोगों के नाम बड़ी संख्या में लिस्ट से काट दिए जाएंगे।
#WATCH | Patna, Bihar: “My name is not there in the electoral roll. How will I contest the elections?” asks RJD leader Tejashwi Yadav, as his EPIC number is unable to fetch his name in the electoral roll. pic.twitter.com/eF2VkeNIRw
— ANI (@ANI) August 2, 2025
बिहार में नई वोटर लिस्ट का ड्राफ्ट जारी
बिहार में मतदाता सूची की विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) प्रक्रिया पूरी होने के बाद, चुनाव आयोग ने पहला संशोधित वोटर लिस्ट ड्राफ्ट शुक्रवार को जारी कर दिया। यह ड्राफ्ट राज्य के 38 जिलों के लिए जारी किया गया है। इसमें सबसे ज्यादा वोटरों के नाम पटना जिले से हटाए गए हैं।
चुनाव आयोग के अनुसार
- बिहार में पहले 7,89,69,844 मतदाता थे।
- 65,64,075 नाम इस बार सूची से हटा दिए गए।
- अब नई ड्राफ्ट लिस्ट में 7,24,05,756 मतदाता शामिल हैं।
हर विधानसभा क्षेत्र से कटे हजारों नाम
तेजस्वी यादव ने दावा किया कि हर विधानसभा क्षेत्र से करीब 20-30 हजार नाम हटाए गए। कुल 65 लाख यानी करीब 8.5% वोटर लिस्ट से बाहर हो गए।
चुनाव आयोग ने तेजस्वी का दावा गलत बताया
तेजस्वी यादव के आरोपों के बाद चुनाव आयोग ने तुरंत सफाई दी। आयोग ने कहा तेजस्वी का नाम वोटर लिस्ट में मौजूद है। वह नई सूची में 416वें स्थान पर दर्ज हैं। दरअसल, EPIC नंबर बदल गया था, जिसके कारण तेजस्वी यादव को अपना नाम पहले नहीं दिख रहा था। नया EPIC नंबर डालने पर उनका नाम वोटर लिस्ट में दिखाई दे रहा है।
बिहार में वोटर लिस्ट से 65 लाख से ज्यादा नाम हटाए गए हैं, जिससे चुनावी माहौल गरमा गया है। विपक्ष इसे गरीब और प्रवासी मतदाताओं के खिलाफ कार्रवाई बता रहा है। वहीं चुनाव आयोग कह रहा है कि किसी का नाम जानबूझकर नहीं काटा गया।