
PM Awas Yojana: मुरादाबाद ज़िले में प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के लाभार्थियों का चयन अब और भी पारदर्शी और तेज़ तरीके से होगा। इस बार जिला प्रशासन ने जांच में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) यानी कृत्रिम बुद्धिमत्ता का सहारा लेने का फैसला किया है।
क्यों ली जा रही है एआई की मदद?
योजना के तहत कई बार ऐसे मामले सामने आते हैं, जहां लोग झूठी जानकारी देकर लाभ पाने की कोशिश करते हैं। उदाहरण के तौर पर, पक्के मकान में रहते हुए भी कच्चे मकान की तस्वीरें दिखाकर योजना का लाभ लेना।
एआई तकनीक सैटेलाइट तस्वीरों और लोकेशन ट्रैकिंग के ज़रिए यह पता लगाएगी कि अपलोड की गई तस्वीरें असली हैं या नकली।
कितने आवेदनों की होगी जांच?
- आवास प्लस पोर्टल पर मुरादाबाद जिले से कुल 44,533 आवेदन आए हैं।
- पहले चरण में इनकी ग्राम और ब्लॉक स्तर पर मानवीय जांच होगी।
- अंतिम चरण में एआई तकनीक से इनका मिलान और सत्यापन किया जाएगा।
- अगर कोई आवेदन झूठा निकला, तो उसे तुरंत रद्द कर दिया जाएगा।
तीन चरणों में होगी पूरी जांच
1. पहला चरण: ग्राम स्तर पर जांच
गांव-गांव जाकर बनी हुई टीम भौतिक सत्यापन कर रही है।
इन टीमों में शामिल हैं:
- सहायक विकास अधिकारी
- अवर अभियंता
- बोरिंग टेक्नीशियन
ये टीमें 31 जुलाई तक अपनी रिपोर्ट देंगी।
2. दूसरा चरण: ब्लॉक और जिला स्तर की समीक्षा
ग्राम स्तर से आई रिपोर्ट के आधार पर जिला स्तर की टीम फिर से दस्तावेज़ों और जमीनी स्थिति का मिलान करेगी।
3. तीसरा चरण: एआई तकनीक से अंतिम जांच
इसमें सैटेलाइट इमेजिंग और लोकेशन ट्रैकिंग से अपलोड की गई तस्वीरों का सत्यापन होगा।
गलत जानकारी देने वालों को सूची से हटा दिया जाएगा और सही पात्रों को अंतिम लाभार्थी सूची में रखा जाएगा।
एआई से क्या होगा फायदा?
- पूरी प्रक्रिया डिजिटल और निष्पक्ष होगी।
- फर्जीवाड़े की संभावना बेहद कम हो जाएगी।
- पात्र और वंचित ग्रामीणों को योजना का लाभ जल्दी और सही तरीके से मिलेगा।
- अंतिम सूची https://awaasplus.nic.in पोर्टल पर सबके लिए उपलब्ध होगी।