
बिजली कर्मचारियों से संबंधित विभिन्न यूनियनों की ज्वाइंट फोरम द्वारा संघर्ष का बिगुल बजाते हुए 11 से 13 अगस्त तक हड़ातल करने की घोषणा की गई है, जिसके चलते अगले 3 दिन पावर सिस्टम चलाना विभाग के लिए चुनौती भरा रहने वाला है। इस घटनाक्रम के चलते विभाग व सीनियर अधिकारियों की परेशानी बढ़ती हुई नजर आ रही है। इसी क्रम में विभाग द्वारा सब स्टेशनों, स्कॉडा कंट्रोल सैंटर जैसे अहम 33 स्थानों पर लगभग 69 के करीब कर्मचारियों की अस्थाई ड्यूटी लगाई गई है।
वहीं, हड़ताल के संबंध में यूनियन नेताओं ने कहा कि लम्बे समय से चलते आ रहे मुद्दों को लेकर 2 जून को बिजली मंत्री की अध्यक्षता में बैठक हुई थी। इस दौरान कई मुद्दों पर बनी सहमतियों को अभी तक लागू नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि इसके विरोध में अब उनके पास संघर्ष करने के अलावा कोई रास्ता शेष नहीं बचता।
कर्मचारी संगठनों के नेताओं ने आरोप लगाया है कि बैठक में बनी सहमतियों को लागू करने के लिए प्रबंधन ने समय तो मांगा, लेकिन 3 हफ्ते बीत जाने के बाद भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। इसी रोष में 25 जून से बिजली कर्मचारी वर्क-टू-रूल के तहत केवल अपनी निर्धारित ड्यूटी कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि वे लगातार अपनी मांगों का हल करने हेतु प्रबंधन के साथ संपर्क बना रहे है, लेकिन अधिकारी इन मुद्दों को टाल-मटोल कर रहे । उन्होंने बताया कि घातक हादसों के शिकार कर्मचारियों को अधिक मुआवजा, ड्यूटी के दौरान घायल कर्मचारियों का पूरा इलाज, ठेके पर काम कर रहे इन-हाउस कर्मियों की पक्की भर्ती, पुरानी पैंशन की बहाली, बकाया वेतन व पैंशन संशोधन, पे-पैरिटी के उल्लंघन को दूर करना, महिला कर्मचारियों के लिए अलग वॉशरूम, खस्ताहाल दफ्तरों की मरम्मत, और अन्य कई मांगें लंबित हैं।