
यूपी डेस्क। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने आने वाले विधानसभा चुनाव 2027 को ध्यान में रखते हुए अपनी रणनीति बदल ली है। इस बार पार्टी ने पिछड़ा वर्ग (OBC) को केंद्र में रखकर चुनावी तैयारी शुरू कर दी है। इसका पहला ट्रायल आने वाले पंचायत चुनाव में होगा। बसपा ने ओबीसी वर्ग को साधने के लिए जिला संयोजक पद पर शिव सिंह कुशवाह को नियुक्त किया है। पार्टी ने तय किया है कि पंचायत चुनाव में प्रत्याशियों के चयन में पिछड़ा वर्ग को प्राथमिकता दी जाएगी।
- एक बूथ पर 5 युवा कार्यकर्ता जोड़े जाएंगे
- इनमें से अधिकतर युवा पिछड़ा वर्ग से होंगे
- बूथ स्तर पर मुस्लिम, दलित और पिछड़ा वर्ग के वोटरों तक पहुंच बनाई जाएगी
क्यों बदली रणनीति?
पहले बसपा की ताकत दलित और मुस्लिम वोट बैंक के साथ-साथ ब्राह्मण और वैश्य समाज के वोट पर भी आधारित थी। सोशल इंजीनियरिंग की इस रणनीति से पार्टी ने सत्ता पाई थी। लेकिन पिछले कुछ चुनावों में यह फॉर्मूला कमजोर पड़ गया।
- मूल वोट बैंक (दलित) भी बंटने लगा
- दूसरे दल भी बसपा के वोटरों को आकर्षित करने लगे
इस वजह से बसपा ने अब पिछड़ा वर्ग को अपना नया फोकस बनाया है।
पिछले पंचायत चुनाव का प्रदर्शन
पिछले पंचायत चुनाव में बसपा को 19 सीटें मिली थीं। इस बार लक्ष्य है कि यह संख्या दोगुनी हो। पंचायत चुनाव के नतीजों के आधार पर विधानसभा चुनाव की योजना बनाई जाएगी
बूथ स्तर पर मजबूती की तैयारी
बसपा के जिलाध्यक्ष विमल वर्मा ने बताया कि पंचायत चुनाव जीतने के लिए बूथ स्तर पर मजबूत नेटवर्क बनाया जा रहा है, युवाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए कैडर मीटिंग्स हो रही हैं. ओबीसी वर्ग के लिए अलग से जिला संयोजक की नियुक्ति की गई है
सत्ता में वापसी का लक्ष्य
बसपा का मकसद है कि दलित, मुस्लिम और पिछड़ा वर्ग का गठजोड़ बनाकर 2027 में सत्ता में वापसी की जाए। पंचायत चुनाव को इसी बड़ी लड़ाई का पहला चरण माना जा रहा है।