
लगभग 9 वर्षों तक पुलिस प्रशासन के चक्कर काटने के बाद जब न्याय मिलने की कोई उम्मीद नहीं दिखी तो पीड़ित सुखदेव सिंह पुत्र स्वर्गीय मलकीयत सिंह निवासी मंडी मुल्लांपुर ने हाईकोर्ट का रास्ता अपनाया। हाईकोर्ट ने जब पीड़ित के मामले को गंभीरता से पढ़ा तो पुलिस अधिकारियों की कर्तव्य में लापरवाही सामने आई क्योंकि पीड़ित सुखदेव सिंह ने हाईकोर्ट में पुलिस प्रमुख नवनीत सिंह बैंस, डीएसपी जसजोत सिंह, पुलिस अधीक्षक गुरदीप सिंह गोसल और इंस्पेक्टर जसवीर सिंह के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई थी जिस पर 29/7/2025 को माननीय न्यायालय श्री अलका सुरीन ने पुलिस के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए पुलिस जगराओं को 20,000 रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया और एसएसपी जगराओं को आगामी तारीख 18.8.2025 को व्यक्तिगत रूप से अदालत में पेश होने के आदेश जारी किए।आज मीडिया के सामने पेश हुए पीड़ित सुखदेव सिंह ने कहा कि मैं पिछले 9 वर्षों से पुलिस अत्याचारों का शिकार हो रहा हूं। माउंटकूल बेवरेज लिमिटेड नामक एक निजी कंपनी ने मेरे साथ 4.60 लाख रुपए की ठगी की, जिसकी शिकायत मैंने की तो कंपनी मालिकों ने सरकार से संपर्क करके मुझे झूठे केस में फंसाने की कोशिश की, जो बाद में झूठा साबित हुआ। इसके बाद मैंने माननीय अनुसूचित जाति आयोग पंजाब चंडीगढ़ से संपर्क किया और उनके आदेशों पर थाना सिधवां बेट में मुकदमा नंबर 10/2020 दर्ज किया गया, लेकिन पुलिस द्वारा अभी तक कोई कार्रवाई न किए जाने पर मुझे माननीय उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाना पड़ा। इस अवसर पर उनके साथ हरदेव सिंह बोपाराय और आरटीआई कार्यकर्ता जगसीर सिंह खालसा मौजूद थे।