पटियाला : पंजाब की पिछली कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार द्वारा सरकारी बसों में महिलाओं को मुफ्त सफर की सुविधा का खामियाजा अब पीआरटीसी को भुगतना पड़ रहा है क्योंकि यह मौजूदा सरकार में भी जारी है। पी.आर.टी.सी. की इस यात्रा के एवज में भगवंत मान सरकार के पास पिछले 6 माह से 200 करोड़ रुपए बकाया हैं। सूत्रों के मुताबिक राज्य में चलाई जा रही बसों में महिलाओं को दी जाने वाली सुविधा के बदले पी.आर.टी.सी. को अभी पंजाब सरकार से 200 करोड़ रुपए की बकाया राशि की वसूली करनी है। पी.आर.टी.सी. की स्थिति यह है कि उसके पास न तो बसों की मुरम्मत के पैसे हैं और न ही टायर व अन्य उपकरण खरीदने के लिए।
1 करोड़ रुपये की दैनिक नकद आय
सूत्रों के मुताबिक टिकटों की बिक्री से पी.आर.टी.सी. की रोजाना 2.5 करोड़ रुपए की आय होती है, जिसमें से एक करोड़ रुपए नकद होता है। बाकी मुफ्त टिकट आधार कार्ड के आधार पर चार्ज किया जाता है, जिसके लिए पंजाब सरकार टिकट के आधार पर पैसा जारी करती है। सूत्रों ने बताया कि रोजाना 84 से 85 लाख रुपए का डीजल खर्च होता है और रोजाना 15 से 20 लाख रुपए की बचत होती है। यह पैसा हर महीने स्पेयर पार्ट्स, बैटरी, टायर, बिजली बिल, इंटरनेट बिल और 27 करोड़ रुपए वेतन और पेंशन के लिए बकाया है।
घाटे के चलते पी.आर.टी.सी. के पास फंड नहीं
सूत्रों ने बताया कि लगातार सरकार से टिकट के पैसे नहीं मिलने के कारण पी.आर.टी.सी. के पास फंड की कमी चल रही है। इससे कलपुर्जे खरीदने, टायर खरीदने और वेतन देने के लिए पैसे नहीं हैं और निगमों को वित्तीय कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
क्या कहते हैं अध्यक्ष
इस मामले को लेकर संपर्क करने पर पी.आर.टी.सी. के चेयरमैन रणजोध सिंह हडाना ने बताया कि पंजाब सरकार ने 87 लाख रुपए और 57 लाख रुपए की 2 किस्तें जारी कर दी हैं। हमने हर महीने भुगतान करने का वादा किया है। जब हम सरकार से पैसा मांगते हैं तो हमें तुरंत भुगतान कर दिया जाता है। जहां तक बसों की मुरम्मत की बात है तो ये मुरम्मत डिपो को करनी पड़ती है, जो 20 साल तक 9 पैसे प्रति किलोमीटर की दर से भुगतान किया जा रहा है, लेकिन 20 साल में महंगाई का स्तर बहुत बदल गया है। उन्होंने कहा कि हमने पिछले एक साल में पी.आर.टी.सी. के लिए दिन रात काम किया है। पिछली सरकारों ने एक साल में क्या किया और हमने क्या सुधार किया, इसके आंकड़े जल्द ही हम सार्वजनिक करेंगे।