चंडीगढ़: सीनियर वकील गुरमिंदर सिंह को पंजाब का एडवोकेट जनरल (एजी) नियुक्त किया गया है। उन्होंने गुरुवार को मौजूदा एजी विनोद घई की जगह ली है। सतलुज यमुना लिंक (एसवाईएल) नहर के मुद्दे पर चर्चा के लिए मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कैबिनेट की आपात बैठक बुलाई। गुरुवार को सुबह कैबिनेट ने गुरमिंदर सिंह के नाम को मंजूरी दी थी, संवैधानिक, सेवा और आपराधिक कानून में अपनी व्यापक विशेषज्ञता के लिए गुरमिंदर सिंह जाने जाते हैं।
बता दें कि 13,000 से अधिक पंचायतों के विघटन से संबंधित अधिसूचनाओं को वापस लेने के साथ पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय में “सरकार की शर्मिंदगी” के मद्देनजर घई का इस्तीफा निश्चित था। घई ने “व्यक्तिगत कारणों” का हवाला देते हुए महाधिवक्ता पद से इस्तीफा दे दिया। राज्य में आम आदमी पार्टी (आप) के सत्ता में आने के बाद से वह इस पद पर नियुक्त होने वाले तीसरे वरिष्ठ वकील हैं।
सीएम मान ने प्रमुख सचिव डी.के. को निलंबित करने का आदेश दिया था। तिवारी और ग्रामीण विकास एवं पंचायत निदेशक गुरप्रीत खैरा के बाद सरकार को पंचायतों को भंग करने के आदेश वापस लेने पड़े, हालांकि तिवारी को बहाल कर दिया गया है।