(डेस्क न्यूज9 पंजाब): हाल ही में बसपा सुप्रीमो मायावती ने ऐलान किया था. कि बसपा पूरे देश में अकेले लोकसभा चुनाव लड़ेगी. इससे कयास लगाए जा रहे थे कि शिरोमणि अकाली दल बसपा से अलग होकर पंजाब में भी चुनाव लड़ेगी. अभी की बड़ी खबर यह है कि बीएसपी पंजाब अध्यक्ष जसबीर सिंह गढ़ी ने मीडिया से जानकारी साझा करते हुए कहा कि वह पार्टी अध्यक्ष से मिलने आए हैं.
पार्टी सुप्रीमो का साफ कहना है कि चुनाव में बसपा और अकाली दल का गठबंधन जारी रहेगा. दोनों पार्टियां इस गठबंधन को नुकसान नहीं पहुंचने देंगी.
उन्होंने कहा कि जो घोषणा की गई है उसका मतलब है कि बीएसपी NDA और I.N.D.I.A गठबंधन में शामिल नहीं होगी। इसके साथ ही पंजाब में सीटों के बंटवारे का मामला भी दोनों पार्टियों के आलाकमान तय करेंगे. उन्होंने कहा कि अकाली दल और बसपा दोनों ही कैडर आधारित पार्टियां हैं। आगामी लोकसभा चुनाव में परिणाम अच्छे आएंगे।
सीटों के बंटवारे पर पूछे गए सवाल के जवाब में अध्यक्ष जसबीर सिंह गढ़ी ने कहा कि उन्होंने पंजाब को लेकर स्थिति पार्टी सुप्रीमो से साझा की है. और इस बारे में फैसला दोनों पार्टियों के प्रमुख मिलकर करेंगे. अकाली दल के साथ चल रहे विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए प्रदेश अध्यक्ष ने कहा. ऐसी कोई बात नहीं है, जल्द ही बैठकों का सिलसिला शुरू होगा.
बसपा 20 सीटों पर चुनाव लड़ी
2022 के चुनाव की बात करें तो नवांशहर से बसपा के नछत्तर पाल ने सिर्फ 20 सीटों पर चुनाव लड़कर जीत हासिल की. वहीं अकाली दल ने 97 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे लेकिन उसके खाते में सिर्फ तीन सीटें आईं. इतना ही नहीं 2017 के मुकाबले इस साल बीएसपी का वोट शेयर भी बढ़ा है.
2017 में जहां बीएसपी को 1.5 फीसदी वोट मिले थे, वहीं 2022 में बीएसपी का वोट शेयर बढ़कर 1.77 फीसदी हो गया. अकाली दल का वोट प्रतिशत लगातार घट रहा है.
1997 के बाद बसपा ने खाता खोला
पिछले चुनावों की बात करें तो 1997 के बाद 2022 के चुनाव में बसपा ने पहली बार पंजाब में अपना खाता खोला। 2017 के विधानसभा चुनाव में बसपा ने 11 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे, लेकिन एक को छोड़कर कोई भी सीट जमानत नहीं बचा सकी. 2012 के विधानसभा चुनाव की बात करें तो बसपा ने 109 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे, लेकिन सभी की जमानत जब्त हो गई थी.
यह गठबंधन 25 साल बाद बना है
दोनों पार्टियों ने 25 साल बाद 2022 के चुनाव में हाथ मिलाया था. इससे पहले दोनों पार्टियों ने 1996 में एक साथ लोकसभा चुनाव लड़ा था. उस समय गठबंधन ने राज्य की 13 लोकसभा सीटों में से 11 पर जीत हासिल की थी. जबकि अभी ये गठबंधन चल रहा है.