जैसे जैसे लोक सभा चुनाव नजदीक आ रहे है। राजनीतिक पार्टियों में दाल बदलने और नये चिहरे शामिल होने की होड़ लग जाऐगी। वही पंजाब में भाजपा लोकसभा चुनाव से पहले बड़ा सियासी खेल करने की कोशिश में है।
माना जा रहा है। कि पूर्व क्रिकेटर युवराज सिंह को भी BJP पार्टी में शामिल करके उन्हें गुरदासपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़वा सकती है। वही पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रधान नवजोत सिद्धू को BJP में शामिल कराने की तैयारी हो रही है।
सिद्धू पिछले दिनों BJP में शामिल होने की बातों को खारिज कर चुके हैं। फिलहाल सिद्धू और युवराज सिंह की ओर से इस पूरे मामले पर कोई ताजा प्रतिक्रिया नहीं आई
भाजपा लोकसभा चुनाव से पहले गुरदासपुर लोकसभा सीट के लिए किसी बड़े चिहरे की तलाश में है। इस से पहले भाजपा ने 2019 के लोकसभा चुनाव में पंजाब की गुरदासपुर सीट से बॉलीवुड स्टार सनी देओल को मैदान में उतारा था। अपने स्टारडम के बूते सनी जीत भी गए लेकिन उसके बाद से ही वह आलोचना से घिरे रहे हैं। लोकसभा क्षेत्र और संसद में गैरहाजिरी को लेकर विरोधी सनी पर सवाल उठाते रहे हैं। इलाके में कई बार उनकी गुमशुदगी के पोस्टर भी लग चुके हैं। हालांकि सनी ने कभी इसकी परवाह नहीं की, गुरदासपुर सीट से अभी बॉलीवुड स्टार सनी देओल BJP के सांसद हैं लेकिन वह दोबारा चुनाव नहीं लड़ने की बात कह चुके हैं।
अब चर्चा है कि चंडीगढ़ से ताल्लुक रखने वाले पूर्व क्रिकेटर युवराज सिंह भाजपा में शामिल होने के लिए राजी हैं। उनकी हाल में केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात भी हो चुकी है।
हालांकि अभी तक इस बारे में युवराज सिंह या उनके परिवार की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
BJP सिद्धू को अमृतसर से लोकसभा टिकट दे सकती है
सूत्रों की माने भाजपा नवजोत सिद्धू को भी लोकसभा चुनाव लड़वा सकती है। उन्हें अमृतसर लोकसभा सीट से मैदान में उतारा जा सकता है। सिद्धू इसी सीट से 3 बार भाजपा के लोकसभा सांसद रह चुके हैं। सिद्धू को भाजपा ने राज्यसभा में भी भेजा था। लेकिन कुछ समय बाद ही वह पार्टी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए थे।
पंजाब कांग्रेस से सिद्धू नाराज
नवजोत सिद्धू इन दिनों पंजाब कांग्रेस और उसके नेताओं से नाराज चल रहे हैं। कैप्टन अमरिंदर सिंह को मुख्यमंत्री की कुर्सी से हटाने के बाद सिद्धू को CM नहीं बनाया और फिर फरवरी-2022 में हुए पंजाब विधानसभा चुनाव में उनकी जगह चरणजीत चन्नी को CM चेहरा बना दिया।
यही नहीं, विधानसभा चुनाव में पार्टी की करारी हार के बाद हाईकमान ने सिद्धू से पंजाब कांग्रेस की प्रधानगी छीन ली। उसके बाद से सिद्धू कांग्रेस में हाशिए पर हैं। पंजाब प्रदेश कांग्रेस तो उन्हें पार्टी के कार्यक्रमों तक में नहीं बुलाती।