लुधियाना में थाना डिवीजन नंबर 5 में पुलिस ने आम आदमी पार्टी (AAP) के जिला युवा वर्किंग प्रधान परमिंदर सिंह संधू पर मामला दर्ज किया है। संधू पर आरोप है कि उसने LLB करने के लिए 12वीं क्लास पास करने का फर्जी प्रमाण पत्र इस्तेमाल किया है। नेता संधू की गिरफ्तारी होनी अभी बाकी है। संधू की आप के सीनियर नेताओं और कई बोर्डों के चेयरमैनों के साथ काफी नजदीकियां है।
2022 में खुद मामला उठाया था
11 नवंबर 2022 को गोपाल नगर, टिब्बा रोड निवासी आरोपी परमिंदर सिंह संधू ने खुद ही डिवीजन नंबर 5 थाने में एडवोकेट दीपक प्रजापति के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि दीपक ने उसे वकालत करने के लिए फर्जी लाइसेंस मुहैया कराया है . जांच के दौरान पुलिस ने पाया कि परमिंदर सिंह संधू द्वारा पेश किया गया 12वीं कक्षा का प्रमाण पत्र फर्जी था। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ उसी एफआईआर में मामला दर्ज किया है, जो उसने दर्ज कराई थी
पुलिस के अनुसार संधू ने एलएलबी में दाखिले के लिए दिल्ली बोर्ड ऑफ सीनियर सेकेंडरी एजुकेशन द्वारा जारी 12वीं के सर्टिफिकेट का इस्तेमाल किया था।
जांच के दौरान उसने पुलिस को दिए बयान में बताया कि उसने 2008 में पंजाब स्कूल एजुकेशन बोर्ड, मोहाली से 12वीं पास की थी, लेकिन जनवरी 2020 में उसका सर्टिफिकेट खो गया। जब पुलिस ने बोर्ड से संपर्क किया तो पता चला कि संधू 2008 में 12वीं फेल हो गया था। दिल्ली बोर्ड ऑफ सीनियर सेकेंडरी एजुकेशन द्वारा जारी सर्टिफिकेट फर्जी था।
एडवोकेट डेविड गिल ने की थी शिकायत
एडवोकेट डेविड गिल की शिकायत के बाद पुलिस ने यह कार्रवाई की है। एडवोकेट गिल ने 30 जनवरी 2023 को दर्ज कराई अपनी शिकायत में आरोप लगाया था कि आरोपी परमिंदर सिंह संधू द्वारा एलएलबी में दाखिला लेने के लिए पेश किया 12वीं कक्षा का प्रमाण पत्र फर्जी है। शिकायत के बाद पुलिस ने जांच की।
एडवोकेट गिल ने कहा कि राजनीतिक दबाव के कारण संधू पर कोई एक्शन पुलिस नहीं ले रही थी। चुनाव आयोग से शिकायत करने के बाद ही संधू को नामजद किया गया है।
जांच के बाद डिवीजन नंबर 5 पुलिस ने आरोपी के खिलाफ आईपीसी की धारा 420 (धोखाधड़ी ), 465 (जालसाजी), 467 (मूल्यवान सुरक्षा, वसीयत आदि की जालसाजी), 468 (धोखाधड़ी के उद्देश्य से जालसाजी) और 471 (जाली दस्तावेज या इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड को असली के तौर पर इस्तेमाल करना) के तहत मामला दर्ज किया है। 11 नवंबर 2022 को दीपक प्रजापति के खिलाफ दर्ज एफआईआर में आरोपी को नामजद किया गया था।
प्रजापति
इस से पहले संधू ने आरोप लगाया था, कि उन्होंने 2011 में एडवोकेट दीपक प्रजापति द्वारा स्थापित सेंटर से एलएलबी की डिग्री हासिल की। 2016 में उन्होंने डिग्री पूरी की, जिसके बाद प्रजापति ने उन्हें बार काउंसिल चंडीगढ़ से एडवोकेट के तौर पर प्रैक्टिस करने का लाइसेंस दिलाने में मदद की, जो दूसरे एडवोकेट का था। जब उन्होंने आपत्ति जताई तो प्रजापति बहाने बनाने लगे
23 मार्च को दीपक प्रजापति हुआ गिरफ्तार
मामला पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट की बार काउंसिल के संज्ञान में आने के बाद काउंसिल ने लुधियाना के पुलिस कमिश्नर को पत्र लिखकर 63 एडवोकेट की डिग्री की जांच करने को कहा, जिन्होंने प्रजापति के जरिए एलएलबी की डिग्री हासिल की थी। पुलिस ने 23 मार्च को मामले में प्रजापति को गिरफ्तार किया था। प्रजापति द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर पुलिस ने 27 मार्च को होशियारपुर के एक अन्य व्यक्ति पलविंदर सिंह के खिलाफ मामला दर्ज किया था, जिसे अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया है।
जिला प्रधान- हाईकमान को देंगे जानकारी
इस मामले संबंधी आम आदमी पार्टी के जिला प्रधान शरणपाल सिंह मक्कड़ से बात की तो उन्होंने कहा कि मुझे आज ही इस मामले का पता चला है। पार्टी की छवि को आहत नहीं होने दिया जाएगा। वह हाईकमान के ध्यान में ये मामला लेकर आएंगे।