डैस्क न्यूज़9 पंजाब: देश में इस समय लोकसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक बहस चरम पर है. उत्तर भारत में गर्मी से लोगों की परेशानी बढ़ गई है। भीषण गर्मी से लोग परेशान हो रहे हैं. उधर, पंजाब में होने जा रही बीजेपी की चुनावी रैलियों ने राज्य में सियासी पारा चढ़ा दिया है. शेड्यूल की बात करें तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 23 और 24 मई को पटियाला, गुरदासपुर और जालंधर में चुनावी रैलियां करने वाले हैं.
जिसे देखते हुए किसान संगठनों ने पीएम मोदी के कार्यक्रमों का विरोध करने की तैयारी कर ली है. संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से पटियाला जिले की बैठक बुलाई गई है. इस बैठक में मुख्य रूप से प्रधानमंत्री के कार्यक्रम को लेकर रणनीति तैयार की जाएगी. साथ ही 21 तारीख को जगराओं में होने वाली रैली को लेकर भी किसानों की राय ली जाएगी. पीएम की पहली रैली पटियाला में होने जा रही है और किसान इसका पुरजोर विरोध करने को तैयार हैं.
किसानों की मांगें: तीन कृषि कानूनों को लेकर किसान लगातार पीएम मोदी और बीजेपी सरकार के विरोध में हैं और किसान आंदोलन के बाद किसानों की नजर में बीजेपी की छवि खराब हो गई है. अब किसानों द्वारा पूर्व घोषणा के मुताबिक बीजेपी के लोकसभा प्रत्याशी का लगातार विरोध जारी है और इसी के तहत किसान अब पीएम मोदी की रैलियों का विरोध करने की तैयारी कर रहे हैं. रैली से पहले किसानों ने रणनीति बनाने के लिए आपात बैठक भी बुलाई है.
जबकि पंजाब का एक बड़ा वर्ग इस बात से सहमत है. कि पंजाब लगातार कर्ज में डूबता जा रहा है. इस समय केदर सरकार के साथ पंजाब के रिश्ते नरम रहने चाहिए. ताकि राज्य में अधिक से अधिक रोजगार पैदा हो और विदेशों में पलायन कर रही हमारी युवा पीढ़ी और पंजाब की संघर्षरत अर्थव्यवस्था को बचाया जा सके।
केदार से अच्छे रिश्ते न होने के कारण पंजाब का कर्ज माफी या रोजगार के लिए उद्योग की बात पंजाब के मुद्दों से बाहर हो गई है। राजनीतिक दलों ने फ्री फ्री के चुनावी झूठे वादों में लोगों को उलझा दिया है।