भारत ने कहा कि उसने मालदीव के समक्ष द्विपक्षीय मुक्त व्यापार समझौते (डीटीए) के लिए कोई प्रस्ताव नहीं रखा है। भारत का कहना है कि यदि द्वीपीय राष्ट्र इस तरह के समझौते के लिए रुचि दिखाता है तो वह इस पर विचार करने को तैयार है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, “मालदीव के साथ द्विपक्षीय एफटीए के लिए भारत सरकार द्वारा कोई विशेष प्रस्ताव नहीं रखा गया है।” उन्होंने कहा, “यदि मालदीव सरकार भारत के साथ एफटीए करने में रुचि दिखाती है, तो हम इस पर विचार करेंगे।”
जायसवाल ने साप्ताहिक प्रेस वार्ता में एक सवाल पर यह टिप्पणी की। पिछले सप्ताह मालदीव के आर्थिक विकास एवं व्यापार मंत्री मोहम्मद सईद ने संकेत दिया था कि भारत ने दोनों देशों के बीच एफटीए के लिए प्रयास शुरू कर दिए हैं।
सईद ने माले में संवाददाता सम्मेलन में कहा था, “वे (भारत) चाहते हैं कि मालदीव के साथ साफ्टा (दक्षिण एशियाई मुक्त व्यापार समझौता) के अलावा एक मुक्त व्यापार समझौता भी हो।” सईद ने कहा कि मालदीव के राष्ट्रपति ने सभी देशों को यह अवसर प्रदान किया है। उन्होंने यह भी कहा कि मालदीव सरकार का लक्ष्य अधिक से अधिक देशों के साथ ऐसे समझौते करना है, ताकि व्यापार गतिविधियों में आसानी हो।
पिछले साल नवंबर में मोहम्मद मुइज्जू के मालदीव के राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद से भारत औच मालदीव के बीच संबंधों में तनाव पैदा हो गया। मुइज्जू को चीन की तरफ झुकाव रखने वाला नेता मान जाता है। शपथ लेने के कुछ ही घंटों के भीतर मुइज्जू ने अपने देश से भारतीय सैन्यकर्मियों की वापसी पर जोर दिया।