लोकसभा चुनाव को लेकर पंजाब की 13 सीटों पर 62.82 प्रतिशत मतदान हुआ। पंजाब में मतदान प्रतिशत पिछली बार से 3.12 प्रतिशत कम रहा। पिछले लोकसभा चुनाव में पंजाब में 65.94 प्रतिशत मतदान हुआ था।
इस बार हुए मतदान के विधानसभा वार आंकड़ों को देखें तो सामने आता है कि चुनाव लड़ रहे बड़े नेताओं में से महज पटियाला से भाजपा प्रत्याशी परनीत कौर, लुधियाना से भाजपा प्रत्याशी रवनीत बिट्टू और अमृतसर से आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी कैबिनेट मंत्री कुलदीप धालीवाल के ही विधानसभा क्षेत्रों में मतदान प्रतिशत पिछली बार के मुकाबले बढ़ा है। बाकी सभी बड़े चेहरों के विधानसभा क्षेत्रों में मतदान प्रतिशत में कमी आई है।
ये बड़े चेहरे नहीं बढ़ा पाए मतदान प्रतिशत
बठिंडा से शिअद प्रत्याशी हरसिमरत कौर बादल के विधानसभा क्षेत्र लंबी में मतदान प्रतिशत 73.85 से कम होकर 71.90 रहा। गुरदासपुर से कांग्रेस प्रत्याशी सुखजिंदर सिंह रंधावा के क्षेत्र डेरा बाबा नानक में मतदान प्रतिशत 69.90 से घटकर 65.30 प्रतिशत रहा।
जालंधर से भाजपा प्रत्याशी सुशील रिंकू के क्षेत्र वेस्ट में मतदान 65.17 प्रतिशत से कम होकर 64.00 प्रतिशत रहा। हालांकि जालंधर की सभी सीटों के मुकाबले यह सबसे अधिक रहा। चुनाव मैदान में उतरे पांच कैबिनेट मंत्रियों में से कुलदीप धालीवाल को छोड़ दिया जाए तो बाकि चार मंत्रियों गुरमीत सिंह खुड्डियां, गुरमीत सिंह मीत हेयर, डा. बलबीर सिंह और लालजीत सिंह भुल्लर के क्षेत्रों में भी मतदान कम रहा।
बठिंडा से प्रत्याशी गुरमीत खुड्डियां के क्षेत्र लंबी में मतदान 73.85 से कम होकर 71.90 प्रतिशत रहा। संगरूर से प्रत्याशी मीत हेयर के क्षेत्र बरनाला में मतदान प्रतिशत 68.38 से कम होकर 59.99, पटियाला से प्रत्याशी डा. बलबीर सिंह के क्षेत्र पटियाला देहाती में मतदान 60.34 प्रतिशत से कम होकर 58.98 प्रतिशत और खडूर साहिब से प्रत्याशी लालजीत सिंह भुल्लर के क्षेत्र पट्टी में मतदान 65.04 प्रतिशत से कम होकर 64.77 प्रतिशत रह गया।
सिर्फ इन सीटों पर ही बढ़ा मतदान प्रतिशत
पटियाला से भाजपा प्रत्याशी परनीत कौर के विधानसभा क्षेत्र पटियाला शहरी में 2019 में 61.09 प्रतिशत मतदान हुआ था लेकिन इस चुनाव में वोटिंग 61.83 प्रतिशत हुआ। रवनीत बिट्टू का पुश्तैनी घर तो साहनेवाल में है लेकिन वे लुधियाना वेस्ट में ही रहते आए हैं। इस सीट पर 2019 में 62.38 प्रतिशत मतदान हुआ था जो इस बार बढ़कर 63.34 प्रतिशत हो गया था।
इतना ही नहीं लुधियाना की नौ विधानसभा सीटों पर हुए मतदान में यह सबसे अधिक रहा। इसी तरह कुलदीप धालीवाल के विधानसभा क्षेत्र अजनाला में 2019 में 65.95 प्रतिशत मतदान के मुकाबले इस बार 66.03 प्रतिशत मतदान हुआ।
यह तीनों ही सीटें काफी चर्चित हैं। ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि यहां की जनता ने किसके हक में जनादेश दिया है।
अपने क्षेत्रों से दूर हुए नेता तो कम हुआ मतदान
मतदान के आंकड़ों के मुताबिक कई हलके ऐसे भी रहे जिनके नेताओं के वहां से दूर होने पर वहां मतदान प्रतिशत में कमी आई। इनमें प्रमुख नाम पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग और सुखपाल खैहरा के नाम प्रमुख हैं।
चन्नी के क्षेत्र चमकौर साहिब में 2019 के चुनाव में हुए 63.49 प्रतिशत मतदान से कम होकर 59.40 प्रतिशत मतदान हुआ। इसी तरह राजा वड़िंग के हलका गिद्दड़बाहा में मतदान प्रतिशत 70.73 से कम होकर 69.98 और सुखपाल खैहरा के हलका भुलत्थ में मतदान 56.76 से कम होकर 51.73 प्रतिशत रहा।