आज 6 जून गुरुवार के दिन ज्येष्ठ महीने की अमावस्या तिथि है. इसे अंधकार का दिन कहा जाता है. माता काली इस दिन पर शासन करती है. ध्यान करने, लोगों को दान करने और जानवरों को खिलाने के साथ पूर्वजों की पूजा करने का सबसे अच्छा दिन है ।
इस दिन विवाह समारोह या कोई नई शुरुआत नहीं करनी चाहिए. नई शुरुआत के लिए चंद्रोदय की प्रतीक्षा करें. आज शनि जयंती और वट सावित्री व्रत है. आज दर्श अमावस्या भी है । अमावस्या आज शाम 06.07 बजे तक है ।
चंद्रमा वृषभ राशि और रोहिणी नक्षत्र में रहेगा । रोहिणी को शुभ नक्षत्र माना जाता है. इस नक्षत्र का विस्तार वृषभ राशि में 10 से लेकर 23:20 डिग्री तक होता है. यह एक स्थिर प्रकृति का नक्षत्र है ।
इसके देवता ब्रह्मा और शासक ग्रह चंद्रमा है. कुआं खोदने, नींव या शहर बनाने, प्रायश्चित कर्मकांड, पौधरोपण, राज्याभिषेक, भूमि खरीदने, मेधावी कर्म करने, बीज बोने, देवताओं की स्थापना, मंदिर के निर्माण, स्थायी काम की इच्छा रखने वाली किसी कार्य के लिए यह नक्षत्र शुभ माना जाता है.
Shani Jayanti के दिन न करें ये काम
शनि जयंती के दिन उड़द की दाल, सरसों का तेल, लकड़ी, जूते-चप्पल, लोहा नहीं खरीदना चाहिए ।
Shani Jayanti के दिन न ही बाल या नाखून काटने या कटवाने चाहिए ।
इसके साथ ही पीपल या बेलपत्र, तुलसी, का तोड़ना भी आज के दिन वर्जित बताया गया है ।
इन चीजों को आप अन्य दिन खरीदें. Shani Jayanti के दिन शनिदेव की चीजों को खरीदने और घर में लाने से जीवन में कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है ।
शनि जयंती के दिन शनि ग्रह के प्रमुख मंत्रों जिसमें दशरथ कृत शनिस्त्रोत का पाठ, शनि पीड़ा हर स्त्रोत, शनि गायत्री मंत्र, शनि बीज मंत्र का जाप, पीपल के पेड़ के नीचे तेल का दीपक जलाने, शनि चालीसा, हनुमान चालीसा या सुंदरकांड का पाठ किया जाए तो शनिदेव प्रसन्न होते हैं ।
इससे शनि ग्रह के बुरे प्रभावों से मुक्ति मिलती है और जीवन सुखमय होता है. Shani Jayanti के दिन शनिदेव को तेल का अभिषेक करने से भी शनिदेव प्रसन्न होते हैं व शनिदेव की कृपा हमेशा बनी रहती है ।
आज के दिन का वर्जित समय :
Vat Savitri Vrat के दिन 14:19 से 16:00 बजे तक राहुकाल रहेगा ।
ऐसे में कोई शुभ कार्य करना हो, तो इस अवधि से परहेज करना ही अच्छा रहेगा ।
इसी तरह यमगंड, गुलिक, दुमुहूर्त और वर्ज्यम से भी परहेज करना चाहिए ।