पंजाब के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने बेहतरीन प्रदर्शन किया है। पंजाब की 13 लोकसभा सीटों में से कांग्रेस ने 7 सीटें जीती है। वहीं इस लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने मालवा में अपनी खोई जमीन को फिर से पा लिया है।
कांग्रेस ने मालवा की आठ सीटों में से चार पर अपना कब्जा बरकरार रखा है। हालांकि, फरीदकोट सीट पर कांग्रेस को नुकसान का सामना करना पड़ा।
दोआबा-माझा और मालवा में विभाजित पंजाब की राजनीति
मालवा पंजाब का सबसे बड़ा राजनीतिक क्षेत्र है। विधानसभा सीटों के हिसाब से यहां पर 67 सीटें हैं। 2022 के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने मालवा की 67 में से 64 सीटों पर कब्जा किया था। मालवा में 65 सीटें हारने वाली कांग्रेस ने अपना प्रदर्शन बेहतर किया है। उसने मालवा की 17 विधान,भा सीटों पर जीत हासिल की है।
आम आदमी पार्टी ने मालवा की दो लोकसभा सीटों श्री आनंदपुर साहिब और संगरूर में विजय हासिल की। मालवा में जहां कांग्रेस ने 8 में से चार सीटों पर जीत हासिल की। माझा की तीन लोकसभा सीटों में से दो पर कांग्रेस ने जीत का स्वाद चखा।
अहम बात यह रही कि कांग्रेस के सुखजिंदर रंधावा ने गुरदासपुर की सीट भाजपा से छीन ली और अमृतसर सीट से गुरजीत औजला चुनाव जीते हैं जबकि तीसरी सीट खडूर साहिब पर आजाद प्रत्याशी अमृतपाल ने विजय हासिल की।
वहीं, दोआबा में आती दो सीटों जालंधर और होशियारपुर। जिसमें से जालंधर की सीट कांग्रेस और होशियारपुर की सीट आम आदमी पार्टी के पास गई। वोट प्रतिशत के हिसाब से आप का प्रदर्शन अच्छा रहा लेकिन वह कांग्रेस के मुकाबले मात्र तीन सीटों पर ही जीत का स्वाद चख सकी।