इस्लामिक कैलेंडर के हिसाब से इस्लामी महीने जीकाद की 29 तारीख यानि शुक्रवार को जिलहिज्ज का चांद हो गया. मरकजी चांद कमेटी के अध्यक्ष मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली और शिया चांद कमेटी के अध्यक्ष मौलाना सैफ अब्बास नकवी ने घोषणा किया है कि, शनिवार 8 जून को जिलहिज्ज की पहली तारीख होगी। और ईदुल अजहा का त्योहार यानि बकरीद 17 जून को मनाया जाएगा ।
शिया चांद कमेटी के अध्यक्ष मौलाना सैफ अब्बास नकवी ने कहा कि, सफीरे हजरत इमाम हुसैन जनाबे मुस्लिम इब्ने अकील की शहादत 9 जिलहिज्ज 16 जून और ईदुल अजहा का त्योहार 17 जून को मनाया जाएगा ।
दुनिया भर के मुसलमानों के लिए सबसे पवित्र त्योहारों में से एक, ईद-उल-अज़्हा, जल्द ही आने वाला है! इस त्योहार की तारीख़ इस्लामी कैलेंडर के आखिरी महीने, ज़िल्हिज्ज/धुल-हिज्जा के चाँद देखे जाने पर तय होती है. इस साल, 1445 हिजरी में, ज़िल्हिज्ज का चाँद देखने की तलाश जारी है।
ज़िल्हिज्ज का चाँद देखने की तलाश पूरी दुनिया में शुरू हो चुकी है. मुस्लिम धार्मिक नेता और खगोलविद चाँद की तलाश में जुटे हुए हैं. ज़िल्हिज्ज का चाँद देखने से इस्लामी कैलेंडर के हिसाब से ज़िल्हिज्ज महीना शुरू होता है, और फिर इसी महीने की 10 तारीख़ को ईद-उल-अज़्हा मनाया जाता है ।
भारत में 17 जून को है बकरीद
भारत में आज यानी शुक्रवार को धू-अल-हिज्जा का चांद देखने की कोशिश की जाएगी. माना ये जा रहा है कि यदि आज चांद नहीं दिखता है तो भारत में बकरीद 17 जून को मनाई जाएगी. जिल्काद के 29वें दिन चांद दिखने के बाद इस्लामिक कैलेंडर का आखिरी महीना धू-अल-हिज्जा की शुरुआत होती है ।
ईद-उल-अज़्हा का क्या महत्व है
ईद-उल-अज़्हा, जिसे बकरीद भी कहते हैं, नबी इब्राहीम और उनके बेटे इस्माइल की कुर्बानी की याद में मनाया जाता है. यह दिन अल्लाह के प्रति अपने प्यार और विश्वास को दर्शाता है. ईद-उल-अज़्हा के दिन, मुसलमान पशुओं की कुर्बानी करते हैं और फिर इस गोश्त को तीन हिस्सों में बांटते हैं – एक हिस्सा परिवार के लिए, दूसरा रिश्तेदारों के लिए और तीसरा ग़रीबों और ज़रूरतमंदों के लिए. हम ज़िल्हिज्ज के चाँद देखने की अपडेट देना जारी रखेंगे ।